बच्चों की पढ़ाई इस साल भी कोरोना की वजह से बर्बाद
राजनांदगांव। कोविड 19 की प्रदेश में घटती पाजिटिविटी से अब ऐसा माना जा रहा है कि राज्य शासन द्वारा जल्द ही स्कूलों को फिर चालू किये जाने का आदेश प्रसारित किया जा सकता है। बीते वर्षों को देखें तो फरवरी-मार्च में वार्षिक परीक्षाएं होती रहीं हैं, अतः सालाना इम्तेहान का समय आ ही गया है और स्थानीय परीक्षाओं के टाइम टेबल का कोई ठिकाना ही नहीं है। हां! दसवीं-बारहवीं की परीक्षाएं अवश्य अपनी घोषित हो चुकी समय सारिणी अनुसार होनी है।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि शासन से प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक शाला स्तर की, उच्चतर माध्यमिक स्तर की परीक्षाओं में 9वीं-11वीं की परीक्षाओं को लेकर शासन से अभी तक कोई निर्देश नहीं आया है। 10वीं-12वीं कक्षाओं की मंडल स्तर की परीक्षायें बहुत पहले ही प्रसारित हो चुकी हैं और उन्हीं के अनुसार एक्जाम होंगे। उनकी प्रायोगिक परीक्षाएं भी होनी शेष है। वहीं दूसरी ओर एक मिडिल स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि स्कूलों के कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण बच्चों की पढ़ाई-लिखाई कमोबेश प्रभावित हुई हैं। ऑनलाइन पढ़ाई की बात करें तो प्रायमरी स्कूल के बच्चे इसमें बहुत ही पिछड़ गये, जबकि मिडिल स्तर में कुछ संतोष जनक रही है। वहीं हाईकूल- हायर सेकेंडरी के विद्यार्थियों के बारे में यह पता चल रहा है क 9वीं-11वीं में ऑनलाइन पढ़ाई 10वीं-12वीं के मुकाबले कम हो रही है। 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा होने के कारण विद्यार्थी उनके पालक अध्यापक और यहां तक कि शासन भी उनकी पढ़ाई पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। देखा जा रहा है कि इन दिनों कितने ही विद्यार्थी शादी, समाई आदि कार्यक्रमों में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और पढ़ाई-लिखाई इस वजह से भी प्रभावित हो रही है।