पर्चा छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस मालिक को लिया हिरासत में
यही नहीं पुलिस ने 8 फेसबुक और ट्विटर यूजर्स को भी अरेस्ट कर लिया है, जिन्होंने कानपुर से जुड़े मसले आपत्तिजनक ट्वीट किए थे। यही नहीं पुलिस ने बाजार बंद की अपील करने वाले पर्चे छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिक को भी हिरासत में लिया है। फिलहाल उससे नजीराबाद पुलिस थाने में पूछताछ हो रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिेए उन लोगों की पहचान की है, जो पत्थरबाजी और हिंसा में शामिल थे। इस हिंसा में 20 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे।
दूसरी बार यूपी पुलिस ने की है ऐसी कार्रवाई
यूपी पुलिस की ओर से हिंसा के आरोपियों की तस्वीरें छापे जाने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले नागरिक संशोधन अधिनियम के मामले में 2020 में हिंसा हुई थी और तब भी पुलिस ने आरोपियों की तस्वीरें छपवाई थीं। कानपुर के परेड, नई सड़क और यतीमखाना इलाके में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई थी। दरअसल मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग बाजार बंद कराने की कोशिश कर रहे थे। इसका कुछ लोगों ने विरोध किया, जिस पर हिंसा भड़क गई और पथराव होने लगा। पुलिस मौके पर स्थिति शांत कराने के लिए पहुंची तो उपद्रवी उस पर ही पत्थर बरसाने लगे थे।
नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में किया था उपद्रव
दरअसल यह हिंसा भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए बयान के चलते भड़की थी। देखते ही देखते यह हिंसा बीकनगंज, अनवरगंज और मूलगंज इलाकों में फैल गई थी। इस दौरान पत्थरबाजी हुई थी और गोलियां भी चली थीं। गौरतलब है कि पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के चलते सऊदी अरब, कतर, कुवैत, ईरान, ओमान, लीबिया, मालदीव, इंडोनेशिया जैसे देशों ने भारत से विरोध जताया है।