नई दिल्ली. लोकसभा की सदस्यता फिर से हासिल करने के बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपना बंगला वापस मिलेगा. सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. बताया जाता है कि केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने अपना आधिकारिक सांसद आवास वापस मांगा है. सूत्र की मानें, तो उन्हें उनका पुराना घर ही अलॉट किया गया है जो कि 12 तुग़लक़ लेन है.
जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से एक सांसद के रूप में अपना आधिकारिक आवास वापस पाने पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, ‘मेरा घर पूरा हिंदुस्तान है.’ वह असम कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक के लिए एआईसीसी मुख्यालय पहुंचे थे.
सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ केस में दोषी ठहराए हुए उन्हें अधिकतम दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण उन्हें संसद के निचले सदन से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. बाद में गुजरात हाईकोर्ट ने भी कांग्रेस नेता की सजा बरकार रखी, लेकिन शीर्ष अदालत ने उनकी सजा पर रोक लगा दी. न्यायालय के इस फैसले के बाद गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ सकेंगे.
#WATCH | "Mera ghar poora Hindustan hai," says Congress MP Rahul Gandhi when asked for a reaction on getting back his official residence as an MP
He has arrived at the AICC Headquarters for a meeting with the leaders of Assam Congress. pic.twitter.com/MZ97d2Aajm
— ANI (@ANI) August 8, 2023
‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के तीन दिनों बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की लोकसभा सदस्यता सोमवार को बहाल कर दी गई. इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी की थी. सचिवालय ने अधिसूचना में कहा था कि उच्चतम न्यायालय के चार अगस्त के फैसले के मद्देनजर गांधी की अयोग्यता संबंधी 24 मार्च की अधिसूचना का क्रियान्वयन आगामी न्यायिक फैसले तक रोका जाता है.
अधिसूचना में कहा गया है, ’24 मार्च, 2023 की अधिसूचना की निरंतरता में उच्चतम न्यायालय ने चार अगस्त, 2023 को विशेष अनुमति अपील (सीआरएल) संख्या 8644/2023 को लेकर एक आदेश पारित किया है, जिसमें केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्य राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी गई है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सूरत) की अदालत द्वारा दिनांक 23 मार्च, 2023 को दोषसिद्धि का आदेश पारित किया गया था.’
इसमें यह भी कहा गया है, ‘भारत के उच्चतम न्यायालय के दिनांक चार अगस्त, 2023 के आदेश के मद्देनजर संविधान के अनुच्छेद 102(1)(ई) के प्रावधानों के संदर्भ में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 के आलोक में राहुल गांधी की (बतौर सदस्य) अयोग्यता पर रोक लगा दी गई जो आगे न्यायिक आदेशों पर निर्भर करेगी.’
उच्चतम न्यायालय ने गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए, मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर, शुक्रवार चार अगस्त को रोक लगा दी थी. न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने चार अगस्त को फैसला सुनाते हुए कहा था कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते समय कोई कारण नहीं बताया, सिवाय इसके कि उन्हें अवमानना मामले में शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी थी.