रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के मुहाने तक पहुंच गई है। कुछ देर पहले यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने सभी नागरिकों और विद्यार्थियों को आज ही कीव छोड़ देने की हिदायत दी है। इससे वहां अफरा-तफरी का माहौल है। इधर यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के 15 और विद्यार्थी भारत पहुंच गए हैं।
कीव स्थित भारतीय दूतावास ने मंगलवार को 12 बजे एक नई एडवाजरी जारी की। इसमें कहा गया, विद्यार्थियों सहित सभी भारतीय आज ही तत्काल कीव छोड़ दें। इसके लिए वे उपलब्ध ट्रेन का उपयोग करें अथवा किसी भी माध्यम से कीव से बाहर निकलें। इससे पहले रात 2.15 के करीब दूतावास की ओर से बताया गया था, कीव दूतावास के पास एक घर में शरण लिए हुए 400 विद्यार्थियों को कीव से ट्रेन के जरिए रवाना कर दिया गया है। आज कीव से पश्चिमी शहरों की ओर एक हजार से अधिक विद्यार्थियों की आवाजाही सुनिश्चित की गई। दूतावास ने कीव में बच गए भारतीयों को कर्फ्यू हटने के बाद शहर छोड़ने की सलाह दी थी।
सुबह तक कीव के हालात बदल गए। रूस की सेना ने कीव के बाहर घेराबंदी कर ली तो आनन-फानन में सभी को आज ही तुरंत कीव छोड़ने की नई सलाह जारी करनी पड़ी है। सोमवार की देर रात जिन भारतीयों ने कीव छोड़ा, उनमें छत्तीसगढ़ के जशपुर की प्रगति मिश्रा भी हैं। उन लोगों को काफी जद्दोजहद के बाद एक ट्रेन मिली है, जो उन्हें लवीव ले जाएगी। वहां से उन लोगों की योजना बस की व्यवस्था करके हंगरी सीमा तक पहुंचने की है।
खारकीव में एक भारतीय छात्र की मौत
इस बीच खबर है कि रूसी सेना की गोलीबारी में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई है। यह घटना पूर्वी शहर खारकीव की है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह जानकारी दी है। बताया जा रहा है, भारतीय छात्र एक ग्रोसरी स्टोर के बाहर लाइन में खड़ा था, तभी रूसी सैनिको ने वहां गोलीबारी की।
सरकार ने रूस-यूक्रेन से मांगा सुरक्षित रास्ता
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि सरकार ने रूस और यूक्रेन दोनों के राजदूतों को बुलाया है। उनसे कीव, खारकीव सहित सभी संघर्ष क्षेत्रों से भारतीयों की निकासी के लिए सेफ पैसेज की मांग की गई है। इस मामले में राजनयिक स्तर पर प्रयास जारी है। अगर दोनों देश तैयार होते हैं तभी भारत सरकार वहां व्यापक बचाव अभियान चला सकती है।