बांग्लादेश में सियासी उठापटक के बाद अंतरिम सरकार के गठन की तैयारी शुरू हो गई है. नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है. देश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन में एक मीटिंग के दौरान यह फैसला लिया गया है.
प्रदर्शनकारी छात्रों ने मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. मीटिंग में आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने वाले छात्र नेताओं के साथ-साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल हुए.
भारतीय उच्चायोग के 190 कर्मचारी बांग्लादेश से भारत लौटे
बांग्लादेश में फंसे भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों को Air-India के विशेष विमान से भारत लाया गया है. भारतीय उच्चायोग के 190 कर्मचारी बांग्लादेश से भारत लौटे हैं. अभी ढाका में लगभग 30 कर्मचारी ही हैं.
अमेरिका के विदेश मामलों के सचिव एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को बांग्लादेश के लोकतंत्र का सम्मान करते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता को शुभकानाएं भी दीं. लेकिन, एक रिपोर्ट में ये भी सामने आ रहा है कि देश में उपजे हालात के पीछे कहीं न कहीं अमेरिकी का हाथ है.
ब्लिंकन ने अपनी बात रखते हुए मीडिया से कहा, “अंतरिम सरकार जो भी निर्णय लेती है, उन्हें लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सम्मान करना होगा, कानून के शासन को बनाए रखना होगा, लोगों की इच्छा को प्रतिबिंबित करना होगा.”
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग, जिन्होंने ब्लिंकन से मुलाकात की और हाल ही में बांग्लादेश का दौरा किया था. उन्होंने सभी पक्षों से हिंसा से बचने का आह्वान किया. वोंग ने एनापोलिस, मैरीलैंड में अमेरिकी नौसेना अकादमी में वार्ता के बाद कहा, “हम सभी पक्षों से तनाव कम करने और सार्वभौमिक अधिकारों का सम्मान करने का आह्वान करते हैं, और हम हाल के हफ्तों में हुई घटनाओं की पूर्ण और स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का आग्रह करते हैं.”
दूसरी ओर भारत के वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ रहे बांग्लादेशी छात्रों को वहां पर हालात सामान्य होने तक और रहने के लिए अनुमति दे दी है. साथ में ये भी कहा कि आपको अतिरिक्त फीस नहीं देना होगा.