पाकिस्तान की गोलीबारी में सेना के 2 जवान शहीद, 6 नागरिकों की भी मौत, शहीदों को दी गई अंतिम विदाई

India-Pakistan ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बाद सीजफायर के ऐलान के बाद भी पाकिस्तान सेना (Pakistan Army) की फायरिंग में जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में 2 जवान शहीद हो गए। वहीं 6 नागरिकों की भी मौत हो गई है। सीजफायर के बाद भी शनिवार रात जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में गोलीबारी की थी। पाकिस्तान ने ड्रोन से हमले किए थे। इसी चपेट में आने से सभी की मौत हो गई थी।

गद्दार पाकिस्तान के नापाक हरकतों की जानकारी जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दी है। पाकिस्तानी हमले में 2 दर्जन से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल भी हुए हैं।

पाकिस्तानी हमले में झुंझुनूं के एयरफोर्स जवान शहीद हो गए। उनका अंतिम संस्कार आज किया गया। एयरफोर्स में असिस्टेंट मेडिकल सार्जेंट सुरेंद्र कुमार शनिवार सुबह उधमपुर एयरपोर्ट पर शहीद हुए थे। सुरेंद्र की पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। बेटी वृत्तिका ने रोते हुए कहा कि-पापा ने देश के लिए अच्छा काम किया है।

शहीद जवान सुरेंद्र कुमार की तिरंगा यात्रा दोपहर 12 बजे मंडावा से शुरू हुई। जयपुर से आई सैन्य टुकड़ी भी तिरंगा यात्रा में शामिल है। भारत माता की जय और सुरेंद्र कुमार अमर रहे के नारे पूरी यात्रा में सुनाई दे रहे हैं।

यहां से उनके गांव मेहरादासी तक करीब 9 किलोमीटर तक तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी। करीब 12.30 बजे उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले सुबह करीब 11.15 बजे दिल्ली से सड़क मार्ग के जरिए उनकी पार्थिव देह को मंडावा लाया गया था।

आंध्र प्रदेश के डिप्टी CM ने शहीद अग्निवीर को श्रद्धांजलि दी

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण LoC पर शहीद हुए अग्निवीर सैनिक मुरली नायक को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। मुरली पाकिस्तान की ओर से हुई गोलाबारी में शहीद हुए थे। वे आंध्र प्रदेश के कालीथांडा के रहने वाले थे।

आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साई जिले के श्रीराम नाइक के इकलौते बेटे मुरली नाइक, जो ‘अग्निवीर योजना’ के तहत सेना में भर्ती हुए थे, जम्मू-कश्मीर में गोलीबारी के दौरान शहीद हो गए। बेटे की शहादत से दुखी माता-पिता अब बेसहारा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि मुरली ही उनका एकमात्र सहारा थे।

अब हम किसके सहारे जिएंगे

श्रीराम नाइक ने कहा, ‘मेरा बेटा देश के लिए शहीर हो गया। उसने देश के लिए लड़ाई लड़ी। हमें दुख इस बात का है कि मेरा एक ही बेटा है। हम उस पर निर्भर थे और हमारा सहारा चला गया। अब हम बेसहारा हो गए हैं, मेरी पत्नी और मैं दोनों अब किसके सहारे जिएंगे। जो भी समाधान हो, मैं इसे देश पर छोड़ता हूं। जो भी निर्णय होगा, वह देश को ही लेना है।

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