दुर्ग। जिले के अमलेश्वर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खम्हरिया में कुएं से एक महिला और आठ वर्षीय बालक के शव मिलने के मामले में पुलिस ने 12 घंटे के भीतर अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझा ली है। हत्या की इस हृदयविदारक वारदात को मृतिका के प्रेमी और उसके चचेरे भाई ने मिलकर अंजाम दिया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रेम संबंध में धोखा बना हत्या की वजह
पुलिस के अनुसार, मृतका की पहचान सुनीता चतुर्वेदी उर्फ पल्लवी (उम्र 30-35 वर्ष) और उसके आठ वर्षीय बेटे के रूप में हुई है। सुनीता की रायपुर में रहने वाले छत्रपाल सिंगौर से इंस्टाग्राम के जरिए पहचान हुई थी, जो बाद में प्रेम संबंध में बदल गई। छत्रपाल पहले तो शादी का झांसा देता रहा, लेकिन डेढ़ महीने पहले उसने किसी और महिला से विवाह कर लिया। इसके बावजूद सुनीता अपने बेटे के साथ उसके साथ रहने का दबाव बनाने लगी।
हत्या की रची गई खौफनाक साजिश
बढ़ते तनाव से परेशान छत्रपाल ने अपने चचेरे भाई शुभम सिंगौर को विश्वास में लेकर सुनीता और उसके बेटे को रास्ते से हटाने की साजिश रची। 18 जून 2025 को छत्रपाल सुनीता और उसके बेटे को रायपुर से अपनी इलेक्ट्रिक स्कूटी में बैठाकर खम्हरिया गांव लाया, जहां पहले से शुभम उसका इंतजार कर रहा था।
गला दबाकर की हत्या, शव को बोरी में भरकर कुएं में फेंका
दोनों भाइयों ने मिलकर खेत में सुनीता और उसके बेटे का गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को अलग-अलग साड़ियों में लपेटकर बोरी में भर दिया। फिर उन्हें दो अलग-अलग कुओं में फेंक दिया गया — महिला का शव भगवानदास महिलांग की बाड़ी में और बच्चे का शव राधेलाल गायकवाड़ की बाड़ी में फेंका गया था। शवों के साथ पत्थर भी बांधे गए थे ताकि वे सतह पर न आ सकें।
पुलिस की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई
22 जून को शव मिलने के बाद थाना अमलेश्वर में मर्ग दर्ज कर तत्काल जांच शुरू की गई। एसएसपी दुर्ग के निर्देश पर गठित एसआईटी टीम ने सुराग जुटाने शुरू किए। छत्रपाल सिंगौर की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिसके बाद गहन पूछताछ में उसने हत्या करना कबूल कर लिया। आगे की जांच में रायपुर सिविल लाइन थाने में दर्ज गुमशुदगी रिपोर्ट से मृतकों की पहचान की पुष्टि हुई।
आरोपियों की पहचान
छत्रपाल सिंगौर पिता अजेन्द्र सिंगौर, उम्र 26 वर्ष
शुभम कुमार सिंगौर पिता विरेन्द्र सिंगौर, उम्र 22 वर्ष