उज्जैन। इंदौर के अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र में पकड़े गए नकली नोट गिरोह के बाद उज्जैन पुलिस ने नीलगंगा थाना क्षेत्र के एक घर से बड़ी मात्रा में नकली नोट बरामद किए हैं। पुलिस ने इस केस में तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है। बरामद किए गए 2 लाख के नकली नोटों में 500 और 2000 की फेक करेंसी हैं। पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर रही है कि यह नकली नोट कहां से लेकर आए हैं।
पुलिस यह जानकारी भी जुटा रही है कि क्या इनका इंदौर में पकड़े गए नकली नोट गिरोह से संपर्क था और क्या यह भी इंदौर में पकड़ाए गिरोह से ही नकली नोट लाते थे ? गौरतलब है कि बीते दिनों इंदौैर पुलिस ने नकली नोट चलाने वाले एक गिरोह को बेनकाब किया था, जिसके संपर्क पूरे मालवा अंचल में हैं।
आरोपियों के पास से जब 2000 रूपए के नोट मिले तो एक बार पुलिस भी चौंक गई। ये करेंसी नोट 7 अक्टूबर के बाद से चलन से बाहर हो गए हैं। हालांकि आरोपियों ने पुलिस को जानकारी दी है कि आरबीआई द्वारा 2000 के नोट बंद कर देने के फैसले के कारण वे बाजार में इन नोटों को खपा नहीं सके।
इस केस में इंदौर पुलिस द्वारा उज्जैन पुलिस को इनपुट दिया गया था। इस इनपुट के आधार पर ही नीलगंगा थाने को सूचना मिली कि इंदौर पुलिस की गिरफ्त में आया नकली नोट गिरोह के आरोपी हिमांशु का एक दोस्त लोकेश वर्मा गऊघाट रेलवे कॉलोनी में रहता है। जब उसकी जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह लंबे समय से उज्जैन से बाहर है। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया। जैसे ही आरोपी लोकेश उज्जैन पहुंचा उसे हिरासत में लेकर बाकी साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि लोकेश और उसके साथी अब तक लाखों रुपए के नकली नोट बाजार में चला चुके हैं।
उज्जैन पुलिस द्वारा लोकेश वर्मा निवासी गऊघाट थाना नीलगंगा को गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ करने के बाद अन्य दो साथी प्रहलाद राजपूत ग्राम उन्हेल और उसका साथी सुरेश राठौड़ निवासी भैरूगढ़ को गिरफ्तार किया है। तीनों के पास से 2 लाख 5 हजार 500 के नकली नोट बरामद हुए हैं। पुलिस इनके अन्य साथियों की भी तलाश कर रही है। ये नकली नोट घर मे छिपाकर रखे गए थे।