नई दिल्ली. चीन में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार ओमिक्रॉन के उपस्वरूप बीएफ.7 के तीन मामले भारत में भी सामने आये हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि गुजरात जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र ने भारत में बीएफ.7 के पहले मामले का पता लगाया था. उन्होंने कहा कि अब तक गुजरात से दो मामले सामने आए हैं, जबकि ओडिशा से एक मामला सामने आया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कोविड समीक्षा बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि अभी तक कोविड मामलों की संख्या में समग्र वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन मौजूदा और उभरते स्वरूपों पर नज़र रखने के लिए निरंतर निगरानी की आवश्यकता है. यहां आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, चीन के विभिन्न शहर वर्तमान में कोविड के अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ओमिक्रॉन, ज्यादातर बीएफ.7, की चपेट में हैं, जो बीजिंग में फैलने वाला मुख्य स्वरूप है. इसी के कारण चीन में कोविड संक्रमण के मामलों में व्यापक उछाल आया है.
बीएफ.7 ओमिक्रॉन के स्वरूप बीए.5 का उपस्वरूप है और इसमें संक्रमण की व्यापक क्षमता होती है तथा इसकी इनक्यूबेशन अवधि कम होती है और इसमें पुन: संक्रमण पैदा करने या उन लोगों को भी संक्रमित करने की उच्च क्षमता होती है, जिन्हें टीका लगाया जा चुका है. यह अमेरिका, ब्रिटेन और बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क जैसे यूरोपीय देशों सहित कई देशों में पहले ही पाया जा चुका है.
इस बीच, जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, चीन और अमेरिका में कोविड-19 के मामलों में अचानक आई तेजी के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वायरस के उभरते हुए स्वरूप पर नजर रखने के लिए संक्रमित नमूनों के पूरे जीनोम अनुक्रमण को तैयार किया जाए. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा कि इस तरह की कवायद से देश में नए स्वरूप का समय पर पता लगाने में मदद मिलेगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करना सुविधाजनक होगा.