जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के अबूझमाड़ में 12 दिसम्बर को हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 40 लाख के 8 वर्दीधारी माओवादी मारे गए. इस घटना में 4 नाबालिग को भी गोलियां लगी है, जिससे चारों नाबालिग घायल हैं, जिनका उपचार जारी है.
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि 12 दिसम्बर को अबूझमाड़ के कलहाज़ा और डोंडरबेड़ा के जंगल पहाड़ में माओवादी और जवानों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में 05 पुरुष व 2 महिला को मार गिराया गया. हथियार भी बरामद किया गया. इस मुठभेड़ में जवानों को ओडिशा स्टेट कमेटी सदस्य कार्तिक उर्फ दसरू का शव बरामद हुआ. उसके ऊपर 25 लाख रुपये का ईनाम घोषित था. आईजी ने बताया कि नक्सल संगठन के मिलिशिया और ग्राम रक्षादल द्वारा वरिष्ठ नक्सल कैडर कार्तिक की जान बचाने के लिए माओवादियों ने नाबालिग और ग्रामीणों को मानव ढाल के रूप में उपयोग किया. साथ ही बताया कि माओवादियों द्वारा ग्रामीणों को सामान ढोने के लिए रखा गया था. मुठभेड़ के दौरान माओवादी इन्ही ग्रामीणों की आड़ लेकर जवानों पर फायरिंग कर रहे थे. फायरिंग में 4 ग्रामीण घायल होने की सूचना मिली है. घायल ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उचित व्यवस्था की जा रही है. आईजी ने बताया कि इस मुठभेड़ में अन्य माओवादियों के घायल होने की सूचना मिली है, जिनका इलाज जंगल में जारी है.
नक्सली संगठन ने कहा – पुलिस की फायरिंग में मारे गए 5 ग्रामीण
वहीं इस मुठभेड़ को लेकर माओवादी संगठन के माड़ डिवीजन कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि 11 दिसम्बर की सुबह 11 बजे लेकावेडा के पेंदा खेती में ग्रामीण आदिवासी काम कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने घेरकर उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसमें 5 ग्रामीण मारे गए. वहीं कुम्मम में PLGA की एक छोटी पेशेंट टीम मौजूद रही, जिसमें बीमारी की अवस्था में बिना हथियार के निहत्थे रहे कार्तिक उर्फ दशरू को जिंदा पकड़कर पुलिस द्वारा मारने का आरोप लगाया है.