पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश की सीमा पर 68 वीं वाहिनी की सीमा चौकी जीतपुर के मुस्तैद बीएसएफ (BSF) के जवानों ने अपने इलाके में गैर कानूनी रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करने के दौरान कुल 4 लोगों को हिरासत में लिया, जिनकी पहचान रीपा थानडू (30), जिलाजेसोर और उसकी बेटी (06 वर्ष), मुनी गाज़ी (21), जिला जेसोर और तंजीला बेगम (26), जिला खुलना के रूप में हुई. गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिकों को सद्भावना और मानवीयता के रूप में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) को सौंप दिया गया. पूछताछ के दौरान रीपा थानडू ने बताया कि 6 साल पहले भारत आई थी और बंगलौर में अपने पति के साथ लेबर का काम करती थी. वहीं, मुनी गाज़ी एक साल पहले भारत आई थी और बड़िहार पश्चिम बंगाल के रहने वाले अब्दुल गाजी से शादी की थी, जबकि तंजीला बेगम काम की तलाश में भारत आ रही थी. बीएसएफ के अधिकारी ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है, जिसके चलते लगातार दोषी पकड़े जा रहे है. पकड़े गए लोगों के अपराध की गंभीरता को देखते हुए सद्भावना और मानवीयता के रूप निर्दोष व्यक्तियों को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंप दिया जाता है. इसके पहले दो जुलाई को सीमा सुरक्षा बल की 68 वीं वाहिनी की सीमा चौकी रानाघाट के सतर्क जवानों ने पुख्ता खबर के आधार पर कार्यवाही करते हुए दो महिला को गैर कानूनी रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के दौरान हिरासत में लिया थी. गिरफ्तार महिलाओं की पहचान असमा शैख बेगम (27) जिला नरेल और तानिया सादिक (24) जिला नारायणगंज, बांग्लादेश के रूप में हुई थी. पूछताछ में दोनों ने बताया कि कुछ महीने पहले भारत आई थी और मुंबई में अलग अलग ब्यूटी पार्लर में काम करती थी और दोनों ने भारतीय व्यक्तियों से शादी की. वे वापस बांग्लादेश अपने परिवार से मिलने के लिए जा रही थी. गिरफ्तार कि गई महिलाओं को मानवीयता और सद्भावना के रूप में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के हवाले कर दिया गया.