दुबई। कुवैत में श्रमिकों के आवास वाली एक इमारत में बुधवार को भीषण आग लग गई। इस हादसे में भारतीय समेत 41 लोगों के मारे जाने की आशंका है। आग बुधवार सुबह कुवैत के दक्षिणी अहमदी प्रांत के मंगाफ इलाके में छह मंजिला इमारत की रसोई में लगी। बताया जा रहा है कि इमारत में करीब 160 लोग रहते थे,जो एक ही कंपनी के कर्मचारी हैं। वहां रह रहे कई श्रमिक कथित तौर पर भारतीय थे।
जयशंकर ने जताया दुख
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 40 से अधिक लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। जयशंकर ने एक्स पर कहा, ‘कुवैत शहर में आग की घटना की खबर से गहरा सदमा लगा है। कथित तौर पर 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 50 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। पीड़ितों में से अधिकांश भारतीय बताए जा रहे हैं।’
कुवैत में भारतीय राजदूत ने किया शिविर का दौरा
इस बीच कुवैत में भारतीय राजदूत उस शिविर में गए हैं, जहां आग लगी थी। जयशंकर ने कहा, ‘हम आगे की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। दुखद रूप से अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना। घायलों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’ उन्होंने कहा कि हमारा दूतावास इस संबंध में सभी संबंधित पक्षों को पूरी सहायता प्रदान करेगा।’
हेल्पलाइन नंबर जारी
कुवैत में भारतीय दूतावास ने एक्स पर आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर: +965-65505246 जारी किया है। सभी संबंधित लोगों से अपडेट के लिए इस हेल्पलाइन से जुड़ने की अपील की है। दूतावास ने हर संभव सहायता प्रदान करने को भी कहा है। भारतीय कुवैत की कुल आबादी का 21 प्रतिशत (1 मिलियन) और इसके कार्यबल (लगभग 9 लाख) का 30 प्रतिशत हिस्सा हैं।
इमारत का मालिक, चौकीदार गिरफ्तार
कुवैत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कुवैत के आंतरिक मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबाह ने पुलिस को मंगाफ इमारत के मालिक, इमारत के चौकीदार और श्रमिकों के लिए जिम्मेदार कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है, जब तक कि घटनास्थल पर आपराधिक साक्ष्य कर्मियों की जांच पूरी नहीं हो जाती।
बड़ी संख्या में श्रमिकों को एक आवासीय इमारत में ठूंसने का आरोप
मंत्री ने आग लगने की घटना का दौरा करने के बाद एक बयान में कहा, ‘आज जो कुछ हुआ, वह कंपनी और इमारत मालिकों के लालच का नतीजा है।’ उन्होंने कहा कि उन्होंने कुवैत नगर पालिका और जनशक्ति के लिए सार्वजनिक प्राधिकरण को आदेश दिया है कि वे इसी तरह के उल्लंघनों को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू करें, जहां बड़ी संख्या में श्रमिकों को एक आवासीय इमारत में ठूंस दिया जाता है और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में इसी तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सभी सुरक्षा आवश्यकताएं पूरी हों।’