50 साल पुराने दोस्त मिले, मित्रता की बेल फिर हुई हरी….

1975-78 बैच के पुराने विद्यार्तियों हुआ समागम – बगीचा मित्रों का

भाटापारा। शहर के मेन हिंदी स्कूल के 1975 से 1978 बैच के प्राइमरी स्कूल और फिर से 1988 तक के दौर में स्कूली शिक्षा साथ लेने वाले साथियों का समागम हुआ इसे बगीचा मित्रों का नाम दिया गया था। भाटापारा ग्रीन्स में मंगलवार को इस रियूनियन कार्यक्रम में 30-40 वर्षों से बिछड़े मित्र फिर से एक बार मिलन हुआ जब वे मिले के तो किसी के बाल सफेद हो चुके थे किसी के थे नहीं। उछलने कूदने वाले ये बच्चे अब बड़ा संभल कर चल रहे थे। हालांकि उनसमें चंचलता उतनी ही देखने को मिली। पुरानी यादों को ताजा किया। साइकिल चलाई, बाटी खेली, साइकिल के टायर दौड़ाए, रेन डांस किया तथा मीना बाज़ार की तरह गिलास गिराने निशाने बाजी में हाथ आजमाए।सबने अपने संस्मरण सुनाए। यादों को दोहराया। किसी ने गाया गाया किसी ने मिमिक्री की। किसी ने शेरो – शायरी से समां बांधा। मुख्य आयोजनकर्ता राजेश नामदेव और आलोक मोदी ने इसे मूर्त रुप देकर रियूनियन कार्यक्रम किया। इस मित्रों के बगीचे में रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, सरगुजा आदि से पुराने सहपाठी जुटे। पहले सभी साथियों ने अपना परिचय दिया। साथ ही अपने कार्यक्षेत्र और परिवार का संक्षिप्त विवरण दिया। रायपुर से आए जॉन राजेश पॉल ने अपनी यादों का भावुक संबोधन दिया, तो सब की आंखें नम हो गई। बिलासपुर से आए सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी राजेश रावत ने दोस्तों को वो दवा बताई, जो उम्र के हर मोड़ पर जिंदगी को नई ऊर्जा से भर दे। अनिल मल और नितीश अग्रवाल ने अपने शायरियों से दोस्ती का महत्व बताया। इस कार्यक्रम में भाटापारा ग्रीन्स के अमरजीत सलूजा का प्रमुख सहयोग रहा। लंच के बाद सभी मित्रों ने पुराने अंदाज में नाचकर खुशियों का इजहार किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से जॉन राजेश पॉल, राजेश नामदेव, आलोक मोदी, राजेश सिंह, राजेश शर्मा, राधे वल्लभ चांडक, मनीष केशरवानी, शिव गुप्ता, सुनील दुबे, अनिल मल, राजेश रावत, प्रखर यादव, लल्ला पांडे, अमरजीत सलूजा, नितिश अग्रवाल, कमल सेठी, माधो दास, गुरुमुख केशवानी, सुनील थारानी, दुर्गेश शुक्ला, जगदीश पटेल, दिनेश सोनी, अरुण छाबडा, जयराम काछेला, दुर्गा साहू, जयराम, शत्रुहन साहू, राजेश झंवर, तरूण मूंधडा, रमेश मंधान, शंकर शर्मा, सुधीर मिश्रा, अनिल जायसवाल, रूपेश मिश्रा, सुनील मंधान, सीटू जैन, भूषण देवांगन, संजय अग्रवाल, दिलीप गोलछा, वासु, विश्वास गोवर्धन, मनोहर सबलानी, राजेश बखशी, राजबख्शीश सोलंकी अादि शामिल हुए। पांचवीं के 1978 बैच के अ अौर ब वर्ग के समूह फोटो के नीचे बैठक सभी यादगार तस्वीर उतरवाई। मोदी ने बताया कि जॉनी भाई की सलाह से मैंने कुछ सालों पहले इस ग्रुप का गठन किया था। अंत में सभी मित्रों ने एक दूसरे जल्दी ही फिर मिलने के वादा कर नम आंखों से विदा ली।

गुरुदेव मित्रों को शद्धांजलि –
सभी ने अपने गुरुदेव दुर्गा प्रसाद तिवारी, श्री शर्मा गुरुजी, पीजी दांडेकर समेत दिवंगत गुरूओं तथा मित्र दलजीत सिंह राणा, संतोष गुप्ता, अशोक आडवाणी और गिंदू मंधान आदि को दो मिनट का मौन रखकर आदरांजलि व पुष्पांजलि दी। यह पहला आयोजन उनको समर्पित किया। bhatapara एडिशन के लिए

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