ITBP की 7 नई बटालियन का होगा गठन,मोदी कैबिनेट ने लगाई मुहर

चीन से सटी सीमा को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने आज कई बड़े फैसले लिए हैं. इनमें सीमा पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाने के साथ-साथ चीन सीमा से लगे गांवों का समग्र विकास शामिल है. डोकलाम और गलवान की घटनाओं से सबक लेते हुए मोदी सरकार ने चीन की सीमा को सुदृढ़ करने का काम शुरू कर दिया है.

चीन को जवाब देने की तैयारी 

केंद्र सरकार अब न सिर्फ सीमा पर चौकसी बढ़ाकर चीन को जवाब देने की तैयारी कर रही है, बल्कि बॉर्डर पर आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का भी फैसला लिया है. बुधवार को मोदी कैबिनेट की बैठक में फैसला हुआ कि चीन सीमा से सटे गांवों को विकसित बनाया जाएगा. इसके लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम नाम से नई योजना को मंजूरी मिली है.

2966 सीमावर्ती गांव विकसित होंगे

योजना के तहत लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के 19 जिलों के 2966 सीमावर्ती गांवों को विकसित किया जाएगा. इस योजना के लिए 4800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें 2500 करोड़ रुपये केवल सड़क बनाने के लिए दिए गए हैं.

सीमा पर चौकसी भी बढ़ने वाली है

सीमावर्ती गांवों के साथ-साथ मोदी सरकार सीमा पर चौकसी भी बढ़ाने जा रही है. आज सुरक्षा मामलों से जुड़ी कैबिनेट कमिटी (CCS) की बैठक में आईटीबीपी की 7 नई बटालियन के गठन का फैसला लिया गया. एक सेक्टर हेडक्वार्टर के गठन का भी फैसला लिया गया है.

वहीं, सरकार के इन कदमों से 9400 नए पद सृजित करने का भी निर्णय लिया गया है. जनवरी 2020 में 47 नए बॉर्डर पोस्ट बनाने का फैसला हुआ था, जिससे चीन सीमा पर कुल बॉर्डर पोस्टों की संख्या बढ़कर 223 हो जाएगी. इसके अलावा आज की बैठक में कैबिनेट ने सहकारिता सेक्टर को और सशक्त बनाने के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया है. साथ ही अलग अलग राज्यों के 2 लाख पंचायतों में पैक्स (प्राथमिक कृषि क्रेडिट सिस्टम ) के गठन का भी फ़ैसला लिया गया है जिसे पंचायत स्तर पर 25 से ज़्यादा काम करने का भी अधिकार दिया गया है.

error: Content is protected !!