नागालैंड की घटना पर एक्शन में सेना, जांच के लिए गठित की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी

Nagaland Firing Case: नागालैंड में नागरिकों पर हुई फायरिंग का आरोप सुरक्षाबलों पर हैं. इसकी जांच अब सेना के उच्च अधिकारी करेंगे. इस घटना में एक जवान समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी.

कोहिमा: नागालैंड (Nagaland) में हुई घटना को लेकर भारतीय सेना (Indian Army) एक्शन में हैं. सेना ने नागालैंड की घटना का संज्ञान लिया है. भारतीय सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (Court Of Inquiry) गठित कर दी है. अब इस केस की जांच मेजर जनरल रैंक के अधिकारी करेंगे. 4 दिसंबर की रात नागालैंड में हुई गोलीबारी में 13 नागरिकों की मौत हो गई थी. सेना को मौके पर आतंकियों के होने की खबर मिली थी. जब सेना के जवानों ने वाहन रोकने के लिए कहा था तो ग्रामीण नहीं रुके थे.

नागालैंड की घटना पर सीएम रियो ने क्या कहा?

नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियो रियो ने कहा कि मंत्री से बात हुई है. वो इस मामले को लेकर बहुत गंभीर हैं. घटना में मारे गए लोगों को मुआवजा दिया गया है. घायलों की मदद भी की गई है. अफस्पा (AFSPA) को वापस लेना चाहिए क्योंकि हम दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी हैं और ये काला धब्बा है.

गृह मंत्री नागालैंड पर दोनों सदनों में देंगे जवाब

बता दें कि नागालैंड फायरिंग के मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज (सोमवार को) संसद के दोनों सदनों में जवाब देंगे. विपक्षी सांसद सदन में इस घटना को लेकर आवाज उठा चुके हैं. घटना में एक जवान समेत 13 नागरिक मारे गए थे. इस बीच एआईएमआईएम असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि नॉर्थ-ईस्ट से AFSPA हटाई जानी चाहिए. ये वहां के लोगों के साथ अन्याय है.

वारदात वाले दिन क्या हुआ था?

जान लें कि नागालैंड में शनिवार को फायरिंग में 12 नागरिकों और एक जवान की मौत हो गई थी. आरोप है कि ये फायरिंग कथित रूप से सुरक्षाबलों की तरफ से की गई थी. घटना के बाद नागालैंड के सीएम नेफियो रियो एक जांच के लिए एसआईटी का गठन कर चुके हैं और सेना ने भी इस घटना का संज्ञान ले लिया है.

गौरतलब है कि नागालैंड में फायरिंग की घटना के बाद सुरक्षा के मद्देनजर रविवार को मोबाइल इंटरनेट की सुविधा को ठप कर दिया गया था, जिससे कि कोई भी फेक न्यूज़ नहीं फैले और तनाव बढ़ें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस घटना पर दुख जता चुके हैं.

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