रायपुर. हरेली के अवसर पर सीएम हाउस में आयोजित कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के शुभंकर बछरू को प्रदर्शित किया. सुंदर गीत के साथ मुख्यमंत्री ने शुभंकर को दिखाया, इस गीत में ओलंपिक के सारे खेल शामिल हैं. वहीं हरेली के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी को हरेली तिहार की बधाई दी.
सीएम बघेल ने कहा, बहुत सुंदर आप सभी ने यहां मंच सजाया है. हरेली त्योहार हम सब उल्लास से मनाते हैं. हरेली त्योहार केवल गेड़ी चढ़ने का त्योहार नहीं है. यह उत्साह का त्योहार है और इसके लिए वातावरण बनाना होता है और यह तब होता है, जब खुशहाली हो, किसान खुशहाल हो. हम यह सब कर रहे हैं. किसानों के दुख दर्द को हमने समझा. किसानों का अब रकबा बढ़ गया. अब 20 क्विंटल धान खरीदेंगे. यह उल्लास का वातावरण सभी जगह है. आदिवासी क्षेत्रों में भी उल्लास का माहौल है.
सीएम बघेल ने कहा, गोधन न्याय योजना के माध्यम से अर्थव्यवस्था सुधर रही है. दूध उत्पादन बढ़ गया है. हरेली में जो नीम की डाली का उपयोग होता है वह कीटनाशक है. यह वर्षाजनित बीमारियों से बचाता है. किसान अपने उपकरणों की पूजा करते हैं. आज जिनके घर भी गाय हैं उनकी पूजा हो रही है. यही समृद्धि का रास्ता है.
भूपेश बघेल ने कहा, शिक्षा के क्षेत्र में हमने स्वामी आत्मानंद स्कूल आरम्भ किये. इससे बड़ी संख्या में लोगों को गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी शिक्षा मिल रही है. हमारे पूर्वजों द्वारा बरसों से तैयार की गई हमारी संस्कृति नष्ट हो रही थी. इसे संरक्षित करने का प्रयास हमने किया है और बहुत बढ़िया काम हो रहा है. रामायण के माध्यम से हम लोगों के जीवन में भगवान राम का आदर्श उतारने की कोशिश कर रहे हैं. रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव किया. चंदखुरी, शिवरीनारायण और राजिम के साथ ही राम वनगमन पथ को विकसित करने का हमने कार्य किया है.
सीएम ने कहा, बस्तर में देवगुड़ी को संरक्षित किया गया. घोटुल का संरक्षण किया. आसना में बादल आरम्भ किया गया. इससे बस्तर की लोक संस्कृति को सहेजने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं. हमारे आदिवासी जीवन की परंपरा बहुत समृद्ध रही है. इतनी सुंदर परम्परा है जिन्हें हम सोचें तो चकित हो जाते हैं. यह ऐसी संस्कृति है, जो अपने देवी-देवताओं के साथ रहती है. उनसे गहन लगाव रखती है. इसके लिए हमने कार्य किया.
सीएम बघेल ने कहा, जो मजदूरों किसानों का भोजन बोरे-बासी है वो अब फाइव स्टार होटल तक पहुंच गया है. अपनी संस्कृति पर हम सब गौरव करते हैं. जो लोग हीनताबोध में थे वे इस संस्कृति के गौरव को महसूस कर रहे हैं और छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया वाक्य को चरितार्थ कर रहे हैं.