गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को बताया कि भारत सरकार नगालैंड की घटना पर अत्यंत खेद जताती है और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताती है. उन्होंने कहा कि सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में विद्रोहियों के खिलाफ कैंपेन चलाते वक्त इस तरह की घटना न दोहराई जाए.
नई दिल्ली: नागालैंड में सुरक्षा बलों की फायरिंग से 14 नागरिकों की मौत के बाद बवाल मच गया है. लोक सभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को बयान दिया और मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की. गृह मंत्री ने कहा कि घटना की विस्तृत जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को बताया कि भारत सरकार नागालैंड की घटना पर अत्यंत खेद जताती है और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताती है. उन्होंने कहा कि सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में विद्रोहियों के खिलाफ कैंपेन चलाते वक्त इस तरह की घटना न दोहराई जाए.
घटना का ब्यौरा देते हुए गृह मंत्री ने बताया कि सुरक्षा बलों को विद्रोहियों की मूवमेंट की जानकारी हासिल हुई थी जिसके बाद 21 कमांडो ने पूरी इलाके की घेराबंदी की थी. इसके बाद वहां एक गाड़ी आई जिसे रोकने की चेतावनी भी दी गई थी लेकिन उन लोगों ने मौके से भागने की कोशिश की और फिर सेना की ओर से फायरिंग की गई.
अमित शाह ने सदन को बताया कि वाहन में सवार 8 में से 6 लोगों की मौत हो गई. बाद में यह पता चला कि यह गलत पहचान का मामला था. घटना के बाद गांव वाले भड़क गए और उन्होंने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया साथ ही दो वाहनों को भी आग के हवाले किया गया है.
अमित शाह ने लोक सभा में बताया कि वहां हालात पर काबू पाया जा चुका है लेकिन फिलहास स्थिति तनावपूर्ण है. उन्होंने कहा कि नागालैंड के डीजीपी और कमिश्नर ने घटनास्थल का दौरा किया है. साथ ही जल्द से जल्द मामले की जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं.
बता दें कि नागालैंड के मोन जिले में एक के बाद एक फायरिंग की तीन घटनाओं में सुरक्षाबलों की गोलियों से 14 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 11 अन्य लोग घायल हो गए. पुलिस ने बताया कि गोलीबारी की पहली घटना गलत पहचान का मामला थी. इसके बाद भड़की हिंसा में एक सैनिक की भी मौत भी हुई है.