Bank Loan Latest News. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 15 जुलाई से अपनी धन-आधारित उधार दर की सीमांत लागत में 5 आधार अंकों की वृद्धि की है. इसका मतलब है कि एमसीएलआर-आधारित दरें अब 8% और 8.75% के बीच होंगी. एमसीएलआर वह आधार दर है जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को ऋण देते हैं. एमसीएलआर बढ़ने से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसे लोन पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी.
इसलिए, यदि आपने एसबीआई से ऋण लिया है, तो आप अपनी मासिक ईएमआई बढ़ने की उम्मीद कर सकते हैं. और यदि आप ऋण लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप पुनर्विचार करना चाह सकते हैं, क्योंकि ब्याज दरों में वृद्धि जारी रहने की संभावना है.
ये हैं नया इंटरेस्ट रेट
ओवरनाइट एमसीएलआर दर 7.90% से बढ़ाकर 8% कर दी गई है, जबकि एक महीने और तीन महीने की एमसीएलआर दरें 8.10% से बढ़ाकर 8.15% कर दी गई हैं. छह महीने की एमसीएलआर दर 8.40% से बढ़ाकर 8.45% कर दी गई है.
कई उपभोक्ता ऋणों से जुड़ी एक साल की एमसीएलआर दर को 8.50% से बढ़ाकर 8.55% कर दिया गया है. दो साल और तीन साल की एमसीएलआर दरें बढ़ाकर क्रमश: 8.65% और 8.75% कर दी गई हैं.
रेपो को अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का फैसला
एसबीआई का उधार दरें बढ़ाने का फैसला आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने के बाद आया है. रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है.
रेपो रेट को अपरिवर्तित रखकर आरबीआई ने संकेत दिया कि उसे फिलहाल महंगाई की चिंता नहीं है. हालांकि, उधार दरें बढ़ाने के एसबीआई के फैसले से पता चलता है कि उसे निकट भविष्य में मुद्रास्फीति बढ़ने की उम्मीद है.