नई दिल्ली. संसद का मानसून सत्र गुरुवार 20 जुलाई से शुरू हो रहा है. इस सत्र से ठीक एक दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के साथ बैठक की. इस बैठक में बीजेपी सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल, कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी, समाजवादी पार्टी के एसटी हसन, बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्र, डीएमके के एसएस पलानीमणिक्कम, शिवसेना (शिंदे) के राहुल रमेश शिवाले, टीआरएस के नमा नागेश्वर राव, डीएमके के टीआर बालू, IUML के ईटी मोहम्मद बशीर, सीपीएम के पीआर नटराजन, टीडीपी के जयदेव गल्ला और टीआरएस के एमएस रेड्डी भी मौजूद थे.
इस दौरान उन्होंने लोकसभा सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए इन सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की. संसद के सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जिसमें विभिन्न दल अपने मुद्दों को रखते हैं. इस बैठक में सरकार के वरिष्ठ मंत्री भी शामिल होते हैं. उधर, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा मंगलवार (18 जुलाई) को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को टाल दिया गया, क्योंकि कई दलों के नेता उपलब्ध नहीं थे.
11 अगस्त तक चलेगा मानसून सत्र
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को होगी, जो 11 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं. यह सत्र काफी हंगामेदार रहने का आसार है. एक ओर जहां सत्ता पक्ष महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगा, वहीं दूसरी ओर विपक्ष रेल सुरक्षा, महंगाई और अडाणी मामले पर जेपीसी गठित करने की मांग सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा.
#WATCH | Meeting of the Business Advisory Committee (BAC) underway in Parliament
The Monsoon Session of Parliament will commence tomorrow, July 20 pic.twitter.com/z97DjSLklG
— ANI (@ANI) July 19, 2023
लोकसभा सचिवालय के एक बुलेटिन के अनुसार, संसद के मानसूत्र सत्र या 17वीं लोकसभा के 12वें सत्र के दौरान लिये जाने वाले सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नये विधेयकों को पेश व पारित करने के लिए शामिल किया गया है. इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है. यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जाएगा. आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है.
सरकारी सूत्रों का कहना है कि सत्र में महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाने हैं, ऐसे में सभी दलों को सत्र चलाने में सहयोग करना चाहिए, क्योंकि सरकार नियम व प्रक्रिया के तहत किसी भी विषय पर चर्चा कराने से पीछे नहीं हट रही है.