राजनांदगांव। सोशल साइंस एण्ड मैनेजमेंट वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ एवं युवा आर्थिक परिषद छत्तीसगढ के द्वारा आयोजित ऑनलाईन राष्ट्रीय संगोष्ठी जिसका विषय बहुविषयक अनुसंधान में छत्तीसगढ़ का सामाजिक-आर्थिक विकास पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में प्रो. (डॉ.) के.पी. यादव-कुलपति मैट्स विश्वविद्यालय, रायपुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधन बाहुल्य राज्य है तथा कृषि हेतु यहां का वातावरण अनुकूल है अतः यहां उद्योग की अपार संभावनाएं है अतः लघु एवं वृहत स्थापित किए जाने चाहिए ताकि छ.ग. राज्य का समावेशी विकास तेजी से हो सके।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता के रूप में प. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर एवं भारत आर्थिक परिषद के महासचिव प्रो. रविन्द्र ब्रम्हे ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य न केवल खनिज संसाधन बाहुल्य है अपितु यहां वृहत मानव संसाधन उपलब्ध है, लेकिन उनमें कौशल क्षमता की कमी है यदि मानव संसाधन की कौशल क्षमता में वृद्धि करने हेतु प्रशिक्षण दिया जाए तो छ.ग. राज्य के रोजगार, आय एवं प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हो सकती है।
उक्त अवसर पर सोशल साइंस एण्ड मैनेजमेंट वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव एवं युवा आर्थिक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र विश्वकर्मा ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में वृद्धि हेतु संसाधनों के अनुकूलतम विदोहन की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। जिससे युवाओं को सही दिशा मिल सके एवं जिससे भारत का आर्थिक-सामाजिक विकास तेजी से हो सके। एवं साथ ही संस्था के विषय में बताया की यह संस्था देश एवं विश्व के 13 देशों में शोध एवं विकास के क्षेत्र में कार्य कर रही है जिससे शोध करने वाले शोध छात्र एवं प्राध्यापकों के लिए यह संस्था कार्य कर रही है। एस.एस.एम.डब्ल्यू.ए. छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष एवं शासकीय दिग्विजय कॉलेज, राजनांदगांव के प्रिंसीपल डॉ. के.एल. टांडेकर ने उक्त अवसर पर सफल आयोजन की सभी को बधाई दी और कहा कि छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्र में विविध संस्कृति व्याप्त है जो राज्य की धरोहर है अतः इन क्षेत्रों में विकास हेतु शिक्षा का प्रसार करके उपलब्ध संसाधनों का अनुकूलतम विदोहन किया जा सकता है। संगोष्ठी का संचालन कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अराधना शुक्ला एवं ब्रजेश उइके के द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन युवा आर्थिक परिषद छत्तीसगढ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता के द्वारा किया गया। संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में पेपर प्रजेंटेशन किया गया। बेस्ट पेपर प्रजेंटेशन एवं बेस्ट पेपर का आवार्ड भी संस्था द्वारा दिया गया। संगोष्ठी में 113 प्रतिभागियों ने भाग लिया।