किसान आंदोलन खत्म करने का हुआ ऐलान

11 दिसंबर से दिल्ली बॉर्डर से वापस लौटेंगे आंदोलनकारी

कृषि कानूनों की वापसी और किसानों की मांगों पर सरकार के प्रस्ताव के बाद किसान भी नरम पड़ गए हैं. सिंघु-कोंडली बॉर्डर पर एक साल से लगे किसानों के टेंट अब उखड़ने शुरू हो गए हैं. पंजाब के भी 32 किसान संगठनों ने घर वापसी का प्रस्ताव रखा है. इसी बीच किसान आंदोलन पर आखिरी फैसले को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक भी चल रही है.

एक साल से जारी किसान आंदोलन अब खत्म हो गया. संयुक्त किसान मोर्चा ने इसका ऐलान किया है. इससे पहले मोर्चा ने लंबी बैठक की, जिसके बाद घर वापसी पर फैसला लिया गया. किसान नेता बलवीर राजेवाल ने कहा कि हम सरकार को झुकाकर वापस जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि 15 जनवरी को किसान मोर्चा की फिर बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. किसान वापसी के ऐलान के बाद 11 दिसंबर से दिल्ली बॉर्डर से किसान लौटेंगे.

सिंघु-कोंडली बॉर्डर से टेंट हटने शुरू

दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने भी ‘घर वापसी’ की तैयारी शुरू कर दी है. सिंघु-कोंडली बॉर्डर पर पिछले एक साल से डटे किसान अब लौट रहे हैं. किसानों ने बॉर्डर पर बनाए अपने टेंट को उखाड़ना शुरू कर दिया है और तिरपाल, बिस्तर को ट्रकों-ट्रैक्टरों में रखना शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों को मान लिया है, इसलिए अब वो वापस लौट रहे हैं.

वहीं, पंजाब के 32 किसान संगठनों ने घर जाने का प्रस्ताव रखा है. पंजाब के किसान 11 दिसंबर से घर वापसी शुरू करेंगे. प्रस्ताव के मुताबिक, किसान 11 दिसंबर को बॉर्डर से निकलेंगे और 13 दिसंबर को अमृतसर के हरमिंदर साहिब पहुंचेंगे. किसान संगठनों ने टोल प्लाजा को भी मुक्त करने का प्रस्ताव किया है. पिछले साल सितंबर से ही किसान संगठनों ने पंजाब के सभी टोल प्लाजा को फ्री कर दिया था.

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक जारी

इसी बीच सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक चल रही है. इस बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत समेत बड़े नेता मौजूद हैं. इसी बैठक में किसान आंदोलन को वापस लेने पर आखिरी फैसला लिया जा सकता है.

हालांकि, न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि किसान नेता किसान आंदोलन को खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं. आज किसान आंदोलन खत्म होने की उम्मीद इसलिए भी क्योंकि एक दिन पहले ही किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ सालभर से चल रहे आंदोलन में एक ‘निर्णायक क्षण’ में पहुंच गए हैं.

पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की बॉर्डर पर डटे हैं किसान

सरकार ने पिछले साल सितंबर में तीन कृषि कानूनों को पास किया था. इसके खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े हुए थे. जिसके बाद इसी साल 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया था. तीनों कृषि कानूनों की वापसी हो चुकी है. हालांकि, किसान एमएसपी पर कानून समेत कई और मांगों पर अड़े थे, जिसे लेकर भी सरकार ने नरम रुख दिखाया है.

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