Narendra Modi on No Confidence Motion: मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर कांग्रेस सांसद तरुण गोगोई ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. इससे पहले मंगवार को विपक्ष यानी इंडिया ने कहा था कि देश के सामने ज्वलंत समस्याओं का जवाब तो सरकार को देना ही पड़ेगा. मणिपुर का खास जिक्र करते हुए विपक्ष ने कहा कि आश्चचर्य की बात है कि सरकार इस विषय पर साफ तौर पर कुछ नहीं बोल रही. विपक्ष का मांग है कि आखिर पीएम नरेंद्र मोदी इस विषय पर सदन में बोलने से क्यों कतरा रहे हैं. अब जबकि विपक्ष की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है तो नरेंद्र मोदी का 2018 का एक बयान वायरल हो रहा है. 2018 में भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया(तब तेलगू देशम पार्टी की तरफ से लाया गया था ) तब उन्होंने कहा था कि मेरी आप सबको शुभकामना है आप लोग अच्छी तरह से तैयारी कर लें ( थोड़ी देर रुके फिर मुस्कुराए) ताकि 2023 में भी अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का मौका मिले. पीएम के इस कथन के बीच विपक्षी दलों ने उनकी भविष्यवाणी को जब अभिमान बताया तो पीएम ने कहा कि ये समर्पण भाव है. गर्व 40 से 400 होने का है.
2018 में पीएम ने क्या कहा था
2018 में जब विपक्ष की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था उस समय स्पीकर सुमित्रा महाजन थीं. अविश्वास प्रस्ताव तेलगू देशम की तरफ से लाया गया था जिसे दूसरे विपक्षी दलों का समर्थन हासिल था. उस वक्त वोटिंग के दौरान एनडीए को 314 सांसदों का समर्थन मिला और विपक्ष का नो कांफिडेंस मोशन खारिज हो गया था.
Opposition is bringing a No confidence motion against government which PM Modi had predicted 5 years ago! pic.twitter.com/PBCaUe3fqG
— DD News (@DDNewslive) July 26, 2023
‘सत्ता पक्ष को चर्चा में दिलचस्पी नहीं’
संयुक्त विपक्षी मोर्चा यानी इंडिया ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया ताकि पीएम मोदी मणिपुर मुद्दे पर संसद में बोलने के लिए मजबूर हों। अविश्वास प्रस्ताव विफल होना निश्चित है क्योंकि एनडीए के पास बहुमत है और इसलिए अविश्वास प्रस्ताव, भारत के अधीन आने के बाद विपक्ष का पहला बड़ा कदम, धारणा की लड़ाई के रूप में अधिक देखा जा रहा है – क्या विपक्ष मजबूर कर सकता है मणिपुर पर बहस करेगी सरकार सरकार ने कहा कि वह मणिपुर में बहस के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष बहस से भाग रहा है.