प्रयागराज. बड़ी खबर यूपी के इलाहाबाद से है जहां ज्ञानवापी परिसर में होने वाले एएसआई सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला अभी नहीं दिया है. कोर्ट में कल यानी गुरुवार को भी इस मामले को लेकर फिर से सुनवाई होगी. ज्ञानवापी का ASI सर्वे पूरा करने संबंधी मामले में बुधवार को कोर्ट में लंबी सुनवाई हुई लेकिन फैसला नहीं आ सका.
सुनवाई के दौरान Asi के एक अधिकारी ने हाईकोर्ट से कहा कि 24 जुलाई की सुबह 9 बजे हमने सर्वे शुरू किया था. अभी तो केवल सर्वे शुरू ही हुआ था कि रोक लग गई. इस पर हाईकोर्ट ने सवाल किया कि आपको और कितना समय चाहिए सर्वे करने के लिए ? एएसआई के अधिकारी ने कहा कि कितना समय एक्जेक्टली लगेगा नहीं मालूम.
ASI ने कहा कि हम 31 जजुलाई तक सर्वे पूरा कर सकते हैं इस पर इलाहाबाद कोर्ट ने कहा कि कोशिश नहीं आप पूरा कीजिए इस काम को 31 जुलाई तक. इस मामले में मुस्लिम पक्ष ने दो दिनों का समय मांगा है. कोर्ट ने कहा कि कल हम इस मामले को सुन सकते हैं. यानि 31 जुलाई तक सर्वे का काम पूरा करने का फिलहाल कोई आदेश नहीं आया है. इससे पहले ज्ञानवापी परिसर के एसआई सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई हुई. मुस्लिम पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान नकवी पूरी और हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन कोर्ट में बहस की.
ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे कराए जाने के मामले में हाईकोर्ट में ASI के एक्सपर्ट बयान देने के लिए पहुंचे. एएसआई के एडिशनल डिप्टी डायरेक्टर आलोक त्रिपाठी कोर्ट पहुंचे थे. दरअसल कोर्ट एएसआई के एक्सपर्ट से यह जानना चाहती थी कि सर्वे करने पर ढांचे को कोई नुकसान तो नहीं होगा. एएसआई एक्सपर्ट ने कोर्ट के सामने अपना बयान रखा तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने एएसआई सर्वे पर विवादित ढांचे को खतरा बताया और कहा है कि अगर गुंबद के नीचे खुदाई की जाती है तो पुराना भवन ध्वस्त हो सकता है, जबकि हिंदू पक्ष एएसआई सर्वे कराए जाने पर जोर देता रहा ताकि विवादित परिसर को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सके,
हिंदू पक्ष की दलील थी कि विवादित ढांचा इस्लामिक स्ट्रक्चर नहीं है जिसके बाद कोर्ट मामले में अपना फैसला सुनाया. इलाहाबाद हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.