वाशिंगटन: विवेक रामास्वामी, निक्की हेली और हर्ष वर्धन सिंह, ये तीन नाम आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती देंगे. ट्रंप तमाम तरह की कानूनी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भी 2024 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से नामांकन की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं. रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य अगले साल 15 से 18 जुलाई के बीच अपने राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए मिल्वौकी, विस्कॉन्सिन में जुटेंगे. इसी सम्मेलन में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार का औपचारिक रूप से ऐलान होगा, जहां डोनाल्ड ट्रंप की उम्मीदवारी को तीन भारतीय-अमेरिकी चुनौती देंगे.
निक्की हेली
निक्की हेली दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर रह चुकी हैं. वह रिपब्लिकन उम्मीदवारों में एकमात्र महिला हैं. उन्होंनें हमेशा खुद को कमतर आंका जाने वाला नेत्री बताया है, जिसने कभी कोई चुनाव नहीं हारा है. ट्रंप प्रशासन में 51 वर्षीय हेली अपने कार्यकाल का गौरव से बखान करती हैं. भले ही अधिकांश सर्वेक्षणों में उनका प्रदर्शन कम रहा है, फिर भी वह लगातार डोनेशन बटोर रही हैं. निक्की हेली का समर्थन करने वाले सुपर पीएसी, स्टैंड फॉर अमेरिका फंड इंक ने अप्रैल से जून तक 18.7 मिलियन डॉलर जुटाए, जिससे उनकी कुल डोनेशन राशि 26 मिलियन डॉलर हो गई है. हेली को अरबपति केनेथ लैंगोन, ऐलिस वॉल्टन और केनेथ फिशर सहित कुछ अमीर जीओपी दानदाताओं से भी समर्थन मिला है, जिन्होंने करीब 6,600 डॉलर का डोनेशन दिया है.
विवेक रामास्वामी
टेक उद्यमी विवेक रामास्वामी की एंट्री इस साल फरवरी में एक बाहरी व्यक्ति के तौर पर रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवारी रूप में हुई. लेकिन इतने कम वक्त में ही वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस के बाद तीसरे नंबर पर आ गए हैं. रॉयटर्स-इप्सॉस पोल के मुताबिक रामास्वामी को रिपब्लिकन पार्टी के अंदर करीब 9 फीसद नेताओं का समर्थन प्राप्त है. वहीं ट्रंप के पास हैरान करने वाला 47 फीसद समर्थन है, जबकि उनके धुऱ विरोधी रोन डेसेंटिस 19 फीसद के साथ उनसे बहुत नीचे हैं. विवेक रामास्वामी के माता-पिता केरल से अमेरिका आए थे और ओहियो में जनरल इलेक्ट्रिक प्लांट में काम करते थे.
भारतीय मूल के अमेरिकी 37 वर्षीय रामास्वामी को दवा विकास और स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव के लिए उनके समर्पण को लेकर नई और आधुनिक सोच के लिए दुनियाभर में पहचान मिली. वह ‘योग्य को मौका’ और ‘चीन पर निर्भरता खत्म करने’ के वादे के साथ राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत कर रहे हैं. उन्होंने दूसरी तिमाही में 7.7 मिलियन डॉलर डोनेशन प्राप्त किया, जिसमें उनकी अपनी जेब से लगाए गए 5.4 मिलियन डॉलर भी शामिल थे. अपना अभियान शुरू करने के बाद से, उन्होंने इस प्रयास में खुद का $16 मिलियन लगाया है.
हर्ष वर्धन सिंह
पेशे से इंजीनियर, हर्ष वर्धन सिंह भी अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हैं, जिनका चुनावी वादा अपने देश के नागरिकों को प्राथमिकता देना है. ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में 38 साल के सिंह ने कहा कि वह आजीवन रिपब्लिकन और अमेरिका फर्स्ट की सोच रखने वाले हैं. उन्होंनें न्यूजर्सी में कंजरवेटिव विंग को बहाल करने के लिए बहुत काम किया है. खुद को एकमात्र उपयुक्त उम्मीदवार बताने वाले हर्षवर्धन सिंह ने 2017 और 2021 में न्यूजर्सी के गवर्नर पद के लिए, 2018 में हाउस सीट के लिए और 2020 में सीनेट के लिए रिपब्लिकन प्राइमरी में दावेदारी प्रस्तुत की थी, लेकिन वह रिपब्लिकन पार्टी का नामांकन हासिल करने में असफल रहे थे.