नई दिल्ली. कई जगह कुरान जलाए जाने की घटनाओं के सामने आने के बीच अमेरिकी संसद कांग्रेस ने इस्लाम को एक ‘प्रमुख धर्म’ के रूप में मान्यता दिए जाने को लेकर प्रस्ताव रखा है. प्रस्ताव टेक्सास के सांसद अल ग्रीन ने पेश किया. अमेरिकी संसद में पेश किए गए प्रस्ताव में जिसमें कहा गया है कि इस्लाम शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने वाला धर्म है. कहा गया कि इसे एक प्रमुख धर्म के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए.
अमेरिकी संसद में रखे गए प्रस्ताव को इल्हान उमर, रशीदा तलीब और आंद्रे कार्सन जैसे सांसदों ने अपना समर्थन दिया. इस्लाम को एक ‘प्रमुख धर्म’ के रूप में मान्यता दिए जाने की मांग करने का ये प्रस्ताव उस समय आया है जब स्वीडन और डेनमार्क जैसे यूरोपीय देशों में इस्लाम की किताब कुरान को जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं. कहा गया है कि सांसदों की तरफ से यह प्रस्ताव कुरान पर हमले जैसे कृत्यों को रोकने के उद्देश्य से लाया गया है.
प्रस्ताव में कहीं ये बड़ी बातें
यह प्रस्ताव 28 जुलाई को पेश किया गया. इसका मकसद अमेरिका के लोगों के भीतर इस्लाम धर्म के लिए बेहतर समझ और सम्मान विकसित करना बताया गया. सदन ने प्रस्ताव को विदेश मामलों की सदन समिति को भेजा था. प्रस्ताव में इस्लाम के बुनियादी सिद्धांतों और मुस्लिमों की प्रथाओं, परंपराओं का जिक्र है. इसमें कहा गया कि इस्लाम शब्द का अर्थ ‘ईश्वर की इच्छा के प्रति समर्पण और ‘शांति’ है. इसमें कहा गया है कि मुसलमान मानते हैं कि इस किताब के जरिए अल्लाह ने उन्हें जीवन जीने का तरीका बताया है.
प्रस्ताव रखने वाले सांसद पाकिस्तान कॉकस के सदस्य
अमेरिकी संसद में पेश प्रस्ताव में कहा गया कि इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है. दुनिया भर में लगभग दो अरब मुसलमान हैं जबकि अमेरिका में भी 3,500,000 मुसलमान रहते हैं. इस प्रस्ताव को लाने वाले टेक्सास के सांसद अल ग्रीन पाकिस्तान कॉकस के सदस्य हैं. वह इस्लामिक देशों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर भी मुखालफत करते रहे हैं. उन्होंने मुस्लिम देशों से प्रवासियों के आने पर प्रतिबंध लगाने के ट्रम्प के आदेश और इस्लाम को एक ‘कट्टरपंथी धर्म’ के रूप में दिखाए जाने के 2015 के कदम का विरोध किया था.