रायगढ़. जिले के तमनार ब्लॉक में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) की कोयला खदान गारे पेल्मा -III (जीपी – III) को खान सुरक्षा पखवाड़ा – 2022 की विभिन्न श्रेणियों में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है. भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन खान सुरक्षा निदेशालय ने वार्षिक खान सुरक्षा पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन बिलासपुर में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल), एनटीपीसी लिमिटेड और निजी क्षेत्र के कोयला प्रतिष्ठानों के सहयोग से किया, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर खान सुरक्षा निदेशालय के महानिदेशक प्रभात कुमार एवं विशेष अतिथि के रूप में एसईसीएल के सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा उपस्थित हुए.
वार्षिक खान सुरक्षा पखवाड़ा 2022 द्वारा सीएसपीजीसीएल की जीपी – III को 3 से 5 मिलियन टन क्षमता वाली खुली खदानों की ग्रुप-ई श्रेणी में समग्र व सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सहित चार अन्य श्रेणियों जैसे इंजीनियरिंग, विस्फोटक प्रबंधन और धूल पृथक्करण के लिए कुल पांच, प्रथम पुरस्कार प्रदान किए गए. सीएसपीजीसीएल की ओर से प्रबंध निदेशक एसके कटियार सहित अदाणी इंटरप्राईसेस लिमिटेड, रायगढ़ के क्लस्टर प्रमुख मुकेश कुमार तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने पुरस्कार ग्रहण किया. इस उपलब्धि के लिए राज्य पावर कंपनी के चेयरमैन अंकित आनंद ने पॉवर जनरेशन कंपनी की टीम को बधाई दी.
इस दौरान पॉवर जनरेशन कंपनी के प्रबंध निदेशक कटियार ने अपने संबोधन में कहा कि “पिछले पांच वर्षों से सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए कोयला खनन कार्य किया जा रहा है. कंपनी का लक्ष्य शून्य दुर्घटनाएं हासिल करना है और आने वाले वर्षों में देश की कोयला आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जिम्मेदारी से खनन कार्य जारी रखेगी.“
गारे पेल्मा-III कोयला खदान में 2019-20 से खनन जारी है. इस खदान से मारवा स्थित अटल बिहारी वाजपेयी थर्मल पावर स्टेशन को कोयले की आपूर्ति की जाती है, जिसमें 500 मेगावाट (1000 मेगावाट) की क्षमता वाले कुल दो संयंत्र हैं. गारे पाल्मा सेक्टर से मारवा पावर प्लांट तक कोयले का परिवहन उत्पादन कंपनी और गारे पेल्मा-III कोलियरीज लिमिटेड के द्वारा किया जाता है. सीएसपीजीसीएल द्वारा खदान संचालन में अपनी उत्कृष्टता साबित करने के साथ-साथ अपने परियोजना प्रभावित ग्रामों में सामाजिक सरोकारों के तहत गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वरोजगार तथा अधोसंरचना विकास के लिए कई कार्यक्रम संचालित कर रहा है. वहीं क्षेत्र के आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने भी प्रयासरत है, जिनमें शिक्षा के क्षेत्र में आदिवासी युवाओं के लिए इंजीनियरिंग एवं मेडिकल प्रवेश के लिए निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग संचालित किया जा रहा है, जिनसे वर्तमान शैक्षणिक सत्र में कुल तीन बच्चों का चयन प्रदेश के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल महाविद्यालयों में हुआ है.