राजनांदगांव। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय राजनांदगांव एवं जनशिक्षण संस्थान राजनांदगांव के संयुक्त तत्वावधान में लालबाग स्थित वरदान भवन में “स्वर्णिम संसार का आधार-सुसंस्कृत एवं सशक्तनारी” विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जनशिक्षण संस्थान के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सदभावना दीपप्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए जनशिक्षण संस्थान के निदेशक झालम सिंह ने कहा कि जीवन मे आर्थिक स्वावलंबन बहुत आवश्यक है इसके लिए जनशिक्षण संस्थान प्रशिक्षण प्रदान करता है परंतु जीवन के निर्विघ्न संचालन के लिए आध्यात्मिक शक्ति की भी आवश्यकता होती है जिसे ब्रह्माकुमारीज द्वारा सिखाये जाने वाले राजयोग ध्यान से प्राप्त किया जा सकता है। इसी उद्देश्य को लेकर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता राजयोगिनी पुष्पा दीदीजी अपने वक्तव्य में कहा कि जीवन को सशक्त बनाने के लिए आध्यात्मिकता को आत्मसात करना अतिआवश्यक है इसके लिए हमे स्वयं की पहचान होनी चाहिए कि मैं ये शरीर नही बल्कि एक ज्योतिबिंदु आत्मा हूँ जो सातगुणों से युक्त है। जब हम सातो गुणों को जाग्रित कर लेते है तब हम सशक्त हो जाते है। इसके लिए हमे राजयोग का अभ्यास सतत करना चाहिए। दीदीजी ने राजयोग मेडिटेशन के द्वारा सबको शांति की गहन अनुभूति कराई।
मुख्य अतिथि के आसन्दी से जिला उद्योग केंद्र के प्रबंधक भ्राता गोपाल रावजी कहा कि वरदान भवन में पहुचते ही शांति की अनुभूति हो रही है। जीवन जीने की कला सीखने का यह सर्वोत्तम स्थान है। सभी महिलाओं को जीवन मे आधयात्मिकता को अपनाने के लिए यहाँ आकर राजयोग का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। कार्यक्रम के प्रारंभ में ब्रह्माकुमारी सोनल बहन ने बहुत सुंदर स्वागत गीत प्रस्तुत किया। प्रभा बहनजी ने सरसमंच संचालन किया तथा प्रशिक्षिका वीना साकुरे मैडम ने आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमार सोमानी भाई , भागवत कुम्भकार , ओंकार प्रसाद , बीके दयाराम भाई तथा जनशिक्षण संस्थान के लाभार्थी उपस्थित थे।