नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली के विज्ञान भवन में बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस प्रोग्राम में शामिल हुए। उन्होंने ‘डिपॉजिट फर्स्ट: पांच लाख रुपये तक के समयबद्ध जमा राशि बीमा भुगतान की गारंटी’ विषय पर आधारित समारोह में कहा कि हम जानते हैं कि बैंक डूबने पर कई दिनों तक खबरें चलती रहती हैं। आज देश ने बहुत बड़ा बदलाव किया, बहुत बड़ी मजबूत व्यवस्था शुरू की है, जिसमें जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस दिलाया जा रहा है। इसकी भी इतनी ही चर्चा मीडिया में हो।
इससे देश के जमाकर्ताओं में विश्वास पैदा होगा। हो सकता है भविष्य में बैंक डूबेगा, लेकिन जमाकर्ताओं का पैसा नहीं डूबेगा। बैँकिंग व्यवस्था पर भरोसा पैदा होगा। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में कोई भी बैंक संकट में आता है तो जमाकर्ता को पांच लाख रुपये तक जरूरत वापस मिलेंगे। इस व्यवस्था से 98 प्रतिशत लोग कवर हो चुके हैं।
सिर्फ पैसा नहीं पूरी जिंदगी फंस जाती थी
एक समय था जब कोई बैंक संकट में आ जाता था, तब जमाकर्ताओं को अपना ही पैसा पाने में नाकोदम निकल जाता था और चारों तरफ हाहाकार मच जाता था। कोई भी व्यक्ति बहुत विश्वास के साथ बैंक में पैसा जमा कराता है। खासकर फिक्स सैलरी वाले लोग हैं। लेकिन गलत नीतियों के कारण जब बैंक डूबता है तब इन परिवारों का सिर्फ पैसा नहीं पूरी जिंदगी ही फंस जाती थी। लेकिन अब तीन महीने के अंदर जमाकर्ता को पैसा मिलेगा। यह कानून के दायरे में आ चुका है।
इस योजना के तहत राज्यों व केंद्र शासित प्रदशों के सभी सहकारी बैंकों के जमा खाते भी आते हैं। इसमें डिपॉजिट इंश्योरेंस के तहत जमा खाते, फिक्सड डिपॉजिट, चालू खाते और रेकरिंग डिपॉजिट भी आते हैं।
पांच लाख किया गया बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर
बैंक सुधार की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए बैँक डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को पांच लाख रुपये कर दिया गया है। पहले यह एक लाख रुपये ही था। इसके तहत बैंक के डूबने पर अब पांच लाख रुपये मिलते हैं। पिछले वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर पूर्ण रूप से संरक्षित खातों की संख्या 98.1 प्रतिशत पहुंच गई थी।