PM मोदी ने 10वीं बार लाल किले पर फहराया तिरंगा, मणिपुर हिंसा का जिक्र कर कहा…

नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर लाल किले पर राष्ट्र ध्वज तिरंगा (Tricolor) फहराया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने लगातार 10वीं बार स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से PM मोदी ने मणिपुर में फैली हिंसा का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि ‘देश आपके साथ है.’ पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में कहा कि ‘इतना बड़ा देश, 140 करोड़ मेरे भाई-बहन, मेरे परिवारजन… आज आजादी का पर्व मना रहे हैं. मैं देश के कोटि-कोटि जनों को, देश और दुनिया में भारत को प्यार करने वाले, भारत का सम्मान करने वाले कोटि-कोटि जनों को इस महान पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं.’

पीएम मोदी ने कहा कि ‘पूज्य बापू के नेतृत्व में असहयोग का आंदोलन और भगत सिंह, राजगुरु जैसे अनगिनत वीरों का बलिदान…उस पीढ़ी में शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसने देश की आजादी में अपना बलिदान न दिया हो. देश की आजादी की जंग में जिस-जिस ने बलिदान दिया है, त्याग किया है, तपस्या की है, मैं उन्हें आदरपूर्वक नमन, उनका अभिनंदन करता हूं.’

पीएम मोदी ने कहा कि इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के अनेक हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा किए. जिन परिवारों ने इस संकट को सहन किया है मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं. राज्य-केंद्र सरकार मिलकर उन सभी संकटों से मुक्त होकर तेजी से विकास की ओर आगे बढ़ेंगी, ये विश्वास दिलाता हूं. पीएम मोदी ने कहा कि विश्वभर में भारत की चेतना के प्रति, भारत के सामर्थ्य के प्रति एक नया आकर्षण, एक नया विश्वास पैदा हुआ है. ये प्रकाशपुंज भारत से उठा है, जो विश्व अपने लिए ज्योति के रूप में देख रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि ‘इतिहास में कुछ पल ऐसे आते हैं, जो अमिट छाप छोड़कर जाते हैं. उनका प्रभाव सदियों तक रहता है और कभी-कभी शुरूआत में वे बहुत छोटे लगते हैं लेकिन बाद में अनेक समस्याओं की जड़ बन जाते हैं. हमें याद है 1,000-1200 साल पहले इस देश पर आक्रमण हुआ. एक छोटे से राज्य में छोटे से राजा की पराजय हुई. लेकिन तब पता तक नहीं था कि एक घटना भारत को हजार साल की गुलामी में फंसा देगी और हम गुलामी में जकड़ते गए. जो आया, लूटता गया. हम जो भी करेंगे, जो भी कदम उठाएंगे, जो फैसला लेंगे, वो अगले एक हजार साल तक अपनी दिशा निर्धारित करने वाला है, भारत के भाग्य को लिखने वाला है.’

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