नई दिल्ली/रांची. चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद की मुसीबतें कम होती नजर नहीं आ रही. चारा घोटाले के सभी मामलों में लालू प्रसाद को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. लेकिन, अब लालू प्रसाद यादव की जमानत को रद्द करने की याचिका CBI ने सुप्रीम कोर्ट में दायर कर जल्द सुनवाई की मांग की है. इसकी सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय भी तैयार हो गया है और इसकी सुनवाई आगामी 25 अगस्त को होगी. बता दें कि सीबीआई ने दुमका, डोरंडा, चाईबासा और देवघर मामलों में मिली जमानत को चुनौती दी है.
बता दें कि सीबीआई की ओर से इस याचिका में कहा गया था कि लालू प्रसाद को देवघर मामले में सिर्फ साढ़े 3 साल की सजा दी गई है, जबकि उन्हें अधिकतम 7 साल की सजा दी जानी चाहिए थी. आपको यह भी बता दें कि देवघर मामले में लालू प्रसाद यादव, बेक जुलियस समेत कुल छह लोगों को 3 साल से 6 साल तक की सजा सुनाई गई है. सीबीआई की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है लालू प्रसाद की संलिप्तता को देखते हुए उन्हें अधिकतम 7 साल की सजा मिलनी चाहिए.
दरअसल, देवघर ट्रेजरी मामले में दो सजायाफ्ता फूलचंद सिंह और आरके राणा गुजर चुके हैं. एक हस्तक्षेप याचिका दायर कर कोर्ट को दोनों सजायाफ्ता के गुजर जाने की जानकारी दी गई थी. जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले से दोनों का नाम हटाने का आदेश दिया था.
आपको बता दें कि चारा घोटाले के देवघर, डोरंडा, दुमका और देवघर ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है. लालू फिलहाल जमानत पर बाहर हैं और अपना इलाज करा रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर देवघर ट्रेजरी से जुड़े मामले में सजा बढ़ाने की मांग को लेकर राजद सुप्रीमो की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.