बता दें कि अगले सप्ताह तक आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की टीम भी आ सकती है. आईआईटी की टीम ही जीपीआर तकनीक से सर्वे को आगे बढ़ाएगी. सर्वे में टीम के हाथ कई अहम साक्ष्य लगे हैं जिनकी रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है.
दीवारों और गुंबद में मिली कलाकृतियों से उनके काल और समय का पता लगाया जा रहा है.
सर्वे के मद्देनजर वाराणसी में केंद्रीय सुरक्षा बल, पैरामिलिट्री और एनएसजी और एटीएस समेत कमिश्नरेट पुलिस की टीमें तैनात की गई हैं. एएसआई की टीम चार भागों में बंटकर सर्वे का काम कर रही है. बता दें कि 21 जुलाई को वाराणसी कोर्ट ने एएसआई की टीम को सर्वे करके चार अगस्त को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा.
वहीं 24 जुलाई को टीम सर्वे करने परिसर पहुंची और सर्वे हुआ, लेकिन मुस्लिम पक्ष रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई की शाम तक सर्वे पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट जाने को कहा. 25 से 27 जुलाई तक मुस्लिम पक्ष की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
बता दें कि 3 अगस्त को हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा, ‘न्यायहित में सर्वे जरूरी है. फिर 3 अगस्त को इस आदेश के खिलाफ मसाजिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट गया. 4 अगस्त को मुस्लिम पक्ष की अपील खारिज हो गई.