लखनऊ: लखीमपुर हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri Violence) में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्र (Ashish Mishra) की मुश्किल बढ़ने वाली हैं. मामले की जांच कर रही SIT की मांग पर सीजेएम कोर्ट ने आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों पर धारा-307 लगाने का आदेश दिया है. अगर ट्रायल में आशीष मिश्रा दोषी पाए गए तो उन्हें 10 साल तक कड़ी कैद की सजा हो सकती है.
लखीमपुर में हुई थी सुनियोजित घटना- SIT
मामले की जांच कर रही एसआईटी (SIT) ने कोर्ट में दायर की गई चार्जशीट में लखीमपुर हिंसा को सुनियोजित साजिश करार दिया. SIT के मुताबिक इस आपराधिक घटना में आशीष मिश्रा समेत कई लोग शामिल थे. आरोप है कि इन लोगों ने योजना बनाकर किसानों को कुचलने की घटना को अंजाम दिया. SIT की रिपोर्ट के बाद कोर्ट के आदेश पर धारा 120बी, 307, 34 और 326 भी बढ़ा दी गई हैं.
3 अक्टूबर को मारे गए थे 8 लोग
बता दें कि लखीमपुर के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को आंदोलनकारी किसान सड़क पर प्रदर्शन कर रहे थे. उसी दौरान पीछे से कारों के काफिले ने किसानों को कुचल दिया था. इस घटना में 4 किसानों की मौत हो गई. घटना के बाद बाकी किसानों ने काफिले में शामिल 4 लोगों को पकड़ लिया था और उन्हें पीट-पीटकर मार डाला था. किसानों का आरोप है कि इस काफिले की अगुवाई केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) कर रहा था.
जेल में बंद है आरोपी आशीष मिश्रा
आरोप है कि वारदात के बाद आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) फायरिंग करते हुए मौके से भाग निकला था. बाद में केंद्रीय मंत्री ने दावा किया था कि उनका बेटा घटनास्थल पर नहीं था और घटना के वक्त वह अपने गांव में मौजूद था. हालांकि किसानों के दबाव के बाद आखिरकार उसे पकड़ लिया गया और इन दिनों वह जेल में बंद है. अब उस पर 4 नई धाराएं लग जाने से उसे जल्दी जमानत मिलने की उम्मीद भी हल्की पड़ गई हैं. साथ ही अगर वह ट्रायल में दोषी मिला तो उसे 10 साल की कड़ी कैद भी हो सकती है.