रायपुर. प्रदेश में बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले के खाताधारकों के लिए अच्छी खबर है. चिटफंड कंपनी के ठगे गए ग्राहकों की तरह अब इंदिरा बैंक के खातेदार को भी रकम वापसी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. पुलिस की कार्यवाही और नोटिस के बाद अब तक तीन से चार कंपनियों ने बैंक के खाते में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए जमा कर दिए हैं. इसके चलते उन खातेदारों की सूची बनाई जा रही है, जिन्हें रकम लौटाना है.
इस मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें लगभग 300 खाता धारक नहीं मिल रहे हैं. वहीं कुछ खाता धारक बैंक में रकम डूबने के बाद शहर छोड़कर चले गए. इन सबका पता लगाया जा रहा है, ताकि संबंधित रकम को लौटाया जा सके. पुलिस की जांच में छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के जिन 35 कंपनियों के नाम वित्तीय गड़बड़ी में शामिल हुए थे, उनके सभी डायरेक्टर रायपुर में ही हैं.
बताया जा रहा कि इस बैंक घोटाले से जुड़े नीरज जैन ने अलग-अलग कंपनियों के नाम से 20 लाख से 2 करोड़ तक का क्रेडिट लिमिट बनाया और लिमिट के पैसों से सभी कंपनियों के नाम से शेयर खरीदे थे. मामले की जांच को लेकर लगातार सिटी कोतवाली थाना में संबधित लोगों से पूछताछ कर रही है. इस मामले की जानकारी देते हुए सिटी कोतवाली थाना प्रभारी विनीत दुबे ने बताया कि लगभग 1 करोड़ 45 लख रुपए इंदिरा प्रियदर्शिनी दर्शनी के खाते में वापस जमा हो चुके हैं.
बैंक में थे 30 हजार खाताधारक
थाना प्रभारी ने बताया, अभी 30 से 35 लोगों को नोटिस जारी किया गया है. प्रकरण बहुत पुराना है. 30 हजार खाता धारक पूरे बैंक में थे, जिसमें से कुछ खाताधारकों के एड्रेस बदल गए हैं. कोई कहीं चले गए हैं. ऐसे लोगों के एड्रेस ढूंढ कर पता किया जा रहा है. वहीं प्रियदर्शनी मामले में जिस भी कंपनी के बारे में जानकारी नहीं थी उन कंपनियों के बारे में जानकारी एकत्रित की जा रही है कि किन फर्जी कंपनी के खाते से पैसे कहां गए हैं. अभी विवेचना चल रही है और लगभग 1 करोड़ 45 लख रुपए इंदिरा प्रियदर्शिनी के खाते में वापस जमा हो चुके हैं.