जशपुर. संसदीय सचिव यूडी मिंज ने सर्वेश्वरी समूह सोगड़ा आश्रम के लिए अपने एक पत्र में सर्वेश्वरी आश्रम के उल्लेख के लिए आश्रम से जुड़े सभी अनुयायियों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगा है और दुःख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए मेरी अंतरात्मा व्यथित है.
उन्होंने कहा कि भगवान अघोरेश्वर सरकार बाबा, परमपूज्य संभव राम बाबा और सर्वेश्वरी समूह के सभी पूजनीय बाबा के साथ जन जन के आस्था केंद्र सोगड़ा आश्रम मेरे लिए पूजनीय और श्रद्धेय है. मेरे द्वारा लिखे पत्र में सोगड़ा आश्रम का नाम उल्लेख कर दिया गया. इससे निश्चित ही आश्रम से जुड़े श्रद्धालुओं को पीड़ा हुई. उनकी भावनाएं आहत हुई. मुझे भी इस बात का अहसास हुआ कि जो मेरे लिए श्रद्धेय और पूजनीय है उनके आश्रम का नाम कतिपय परिस्थितियों में मेरे द्वारा नाम उल्लेखित हो गया है.
उन्होंने कहा कि शुरुआत समय से ही मैं अघोरेश्वर आश्रम और ट्रस्ट की गतिविधियों से जुड़ा रहा हूं. मेरी भावनाएं हृदय से जुड़ी रही है. इसके साथ ही क्षेत्र के लिए जो सर्वेश्वरी समूह की मंशा है उसके अनुरूप पर्यटन, जैविक खेती, चाय बागान, उद्यानिकी को समृद्ध करते हुए जशपुर जिले को एग्रो टूरिज्म की ओर ले जाने का प्रयास बाबा के आशीर्वाद से किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश सरकार ने जशपुर को बढ़ावा देने का कार्य किया है. जशपुर में चाय बागान की शुरुआत, काफ़ी उत्पादन एवं मसालों की खेती की दिशा में ले जाने में अहम भूमिका है. उनसे प्रेरित होकर हम और हमारी सरकार भी इसे अनुशरण करते हुए आगे बढ़ रही है और किसानों को भी एक बेहतर भविष्य का रास्ता दिखा रहे हैं. क्षेत्र के किसानों की कुछ समस्या भी है, जिसे दूर करने का सार्थक प्रयास कर रहे हैं.
संसदीय सचिव यूडी मिंज ने पुनः इस बात के लिए खेद व्यक्त किया और जारी पत्र के संबंध में खंडन किया है कि इस प्रकार का पत्र गलती से मेरे से जारी हो गया, जिसके लिए मै अंतरात्मा से व्यथित हूं. इसके लिए मैं परमपूजनीय बाबा और सर्वेश्वररी समूह के अनुयायियों से क्षमा याचना करता हूं.