Article-370 Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 16 दिनों की मैराथन सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
अगस्त के बाद से, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की पीठ ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की.
Constitution bench of the Supreme Court reserves its verdict on a batch of petitions challenging the abrogation of Article 370 and bifurcation of the erstwhile state of Jammu and Kashmir into two Union territories.
Five-judge Constitution bench comprising Chief Justice of India… pic.twitter.com/o8nass3ztG
— ANI (@ANI) September 5, 2023
सोमवार को, शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं में से एक, नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद मोहम्मद अकबर लोन से एक हलफनामा दायर करने को कहा, जिसमें कहा गया हो कि वह भारत के संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं और जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है.
मोहम्मद अकबर लोन ने मंगलवार को कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया.
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लोन के हलफनामे को “एक दिखावा” कहा.