भारत सरकार ने एयरबस के साथ 56 एयरक्राफ्ट के लिए सौदा किया है। इस सौदे में शामिल 40 विमानों को भारत में तैयार किया जाएगा। विमान को तैयार करने के लिए एयरबस ने टाटा ग्रुप के साथ करार किया है।
सोलह विमान फ्लाईअवे स्थिति में भारत को सौंपे जाएंगे
विमान में सैनिकों और कार्गो के पैरा ड्रॉपिंग के लिए एक पिछला रैंप दरवाजा है। अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 48 महीनों के भीतर स्पेन से सोलह विमान फ्लाईअवे स्थिति में भारत को सौंपे जाएंगे। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा।
#WATCH | First C-295 transport aircraft to be received by Indian Air Force chief Air Chief Marshal VR Chaudhari in Seville, Spain today from Airbus pic.twitter.com/ypCY29dWFu
इन विमानों में लगाया जाएगा स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट
सभी 56 विमानों में स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट लगाया जाएगा। रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह परियोजना भारत में एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगी।
यह कार्यक्रम सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को बढ़ावा देगा क्योंकि यह भारतीय निजी क्षेत्र को प्रौद्योगिकी-गहन और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विमानन उद्योग में प्रवेश करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। इस परियोजना से घरेलू विमानन विनिर्माण में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसके परिणामस्वरूप आयात पर निर्भरता कम होगी और निर्यात में अपेक्षित वृद्धि होगी।
जानिए विमान की खासियत
- यह विमान 9 टन का माल या 71 सैनिकों को लेकर उड़ान भर सकता है।
- यह छोटे रनवे पर भी उड़ान भर सकता है।
- यह विमान 13 घंटे नॉन-स्टॉप हवा में उड़ान भर सकता है।
- यह विमान 9250 किलोग्राम तक वजन उठाकर उड़ सकता है।
- इस विमान में दो इंजन हैं।
- विमान 482 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है।