रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में रविवार को बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो रही है। इस बैठक में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शामिल होंगे। इस बैठक में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ से प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव, पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह और ओपी चौधरी समेत कई नेता दिल्ली में हैं। शनिवार रात यह सभी नेता अलग-अलग गाड़ियों से एयरपोर्ट पहुंचे थे। मीडिया से कोई बातचीत नहीं की गई। हालांकि पार्टी सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में अब छत्तीसगढ़ के चुनावी माहौल को लेकर अंतिम दौर के बातचीत के बाद सभी नेता एक्शन में जुट जाएंगे।
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ राजस्थान और मध्य प्रदेश को लेकर भी चर्चा की जाएगी। छत्तीसगढ़ में 21 सीटों पर प्रत्याशी का ऐलान भारतीय जनता पार्टी कर चुकी है। 69 सीटों पर प्रत्याशी का ऐलान किया जाना है। जल्द ही यह सूची जारी की जाएगी। इस बैठक में सूची के अलावा किस अंदाज में चुनाव लड़ना, किन मामलों पर फोकस करना, घोषणापत्र में किन मुद्दों को प्रमुखता से लाया जाएगा, किस जाति-वर्ग पर अधिक फोकस करना है। इस तरह की तमाम बातों पर चर्चा की जाएगी। लोकसभा चुनाव के लिए क्या एक्शन होगा यह भी भाजपा विधानसभा चुनाव के साथ ही प्लान कर रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव कह चुके हैं कि जीतने वाले प्रत्याशी को ही टिकट दिया जाएगा। ऐसे प्रत्याशी जिसे समाज और कार्यकर्ता दोनों का आशीर्वाद मिले, वही चुनावी रण में भाजपा का चेहरा होगा। छत्तीसगढ़ में इस बार भाजपा कमल छाप के सहारे और मोदी की छवि लेकर वोट मांगने जाएगी। CM फेस तय नहीं हैं। बिलासपुर की सभा में नरेंद्र मोदी ने भी कमल छाप पर ही वोटर का ध्यान खींचा था। कई सीटों पर कुछ नाम के पैनल मांगे गए थे। दिल्ली की केंद्रीय टीम भी अलग-अलग विधानसभा इलाकों में अपना सर्वे कर चुकी है। प्रदेश के नेताओं से मिले इनपुट और केंद्रीय टीम के सर्वे के आधार पर लोगों को चुना गया है।
आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता तक पहुंचने बीजेपी समाजों को साधेगी। अलग-अलग जाति, समुदायों से संबंध बेहतर करने के निर्देश नेताओं को मिले हैं। अमित शाह की बैठक में तय किए गए रणनीति में एक ये भी रही। तय किया गया है कि छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता और राष्ट्रीय नेता यहां आकर डिनर पॉलिटिक्स शुरू करेंगे। अलग-अलग वर्गों के बीच जाकर उनके साथ भोजन करेंगे। इस अभियान को एक नाम के साथ लॉन्च किया जा सकता है। पहली बार आचार संहिता लगने से पहले 220 बड़े नेताओं की फौज अगले दो महीने के लिए छत्तीसगढ़ आने वाली है। इसमें एक-एक हर संभाग के प्रभारी आ चुके हैं। हर जिले के लिए एक प्रभारी आ रहे हैं। कुछ दिनों में विधानसभा के लिए दो-दो प्रभारी भी आएंगे। ये सभी बिहार, झारखंड और ओडिशा के बड़े नेता है। इनमें कुछ सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री और संगठन महामंत्री तक हैं। इन नेताओं की रिपोर्टिंग सीधे दिल्ली में होगी। इसके लिए छत्तीसगढ़ का दिल्ली में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।