केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पुणे में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का शिलान्यास किया। कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि शिवाजी महाराज ने न्याय, समाज कल्याण और आत्मरक्षा के लिए व्यूह रचना, सैन्य निर्माण, सैन्य का आधुनिकीकरण और 18वीं शताब्दी में सबसे पहली नौसेना बनाने का काम किया।
वहीं, एक अन्य कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर बनाने के लक्ष्य में सहकारिता विभाग और सहकारिता आंदोलन का बड़ा हाथ होगा। सहकारिता विभाग में काम करने में आत्म संतोष है और सामर्थ्य भी। इस दौरान उन्होंने एलान किया कि बहुत जल्द सहकारिता प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रमों के साथ एक विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। देश विभिन्न हिस्सों में इस विश्वविद्यालय के कालेज होंगे जिनमें सहकारिता की ट्रेनिंग दी जाएगी। शाह पुणे में वैमनिकॉम के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
शाह ने कहा कि यदि हम सहकारी व्यवसाय का विस्तार करना चाहते हैं तो हमें अगले 25 वर्षों के लिए सहकारिता को अमली-जामा पहनाने वाली योजना लागू करनी होगी। इसके लिए सहकारिता मंत्रालय ने काम करना शुरू कर दिया है। इस पर जल्द ही एक नई नीति सामने आएगी।
उन्होंने कहा कि आज अंबेडकर की प्रतिमा का भी अनावरण किया गया। कांग्रेस ने अंबेडकर के जीवन में और उनकी मृत्यु के बाद उनका अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। उन्हें भारत रत्न गैर-कांग्रेसी शासन के दौरान ही मिला था। पीएम मोदी सत्ता में आए और संविधान दिवस मनाया, लेकिन कांग्रेस अभी भी इसका बहिष्कार करती है।
इससे पहले गृह मंत्री ने पुणे के सुदुम्बरे में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 5वीं वाहिनी परिसर का उद्घाटन किया। एनडीआरएफ कैंपस में जवानों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि लोगों की जान बचाने में आपकी तत्परता और समर्पण के कारण ही किसी भी आपदा में एनडीीआरएफ के आते ही लोगों में एक उम्मीद जग जाती है। हमें देश सेवा के प्रति आपकी निष्ठा पर गर्व है।