जहां एक तरफ दुनियाभर के देश जल्दी से जल्दी अपने नागरिकों को वैक्सीन देने के लिए अभियान चला रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ रिसर्च में सामने आया है कि ज्यादातर वैक्सीन Omicron के खिलाफ कारगर ही नहीं हैं.
Omicron पर खुलासे के बाद बढ़ी टेंशन, वैज्ञानिकों ने Omicron पर किया बड़ा दावा
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ वैक्सीनेशन भारत में अभी पूरा भी नहीं हो पाया और कोरोना वायरस के नए वैरिएंट Omicron के रूप में नई मुसीबत देश के सामने आकर खड़ी हो गई है. Omicron पर हो रही शुरुआती रिसर्च में पता चला है कि Covishield समेत तमाम वैक्सीन (Vaccine) कोरोना के नए वैरिएंट के खिलाफ कारगर नहीं हैं. तमाम वैक्सीन Omicron को रोकने में सफल नहीं हैं.
Omicron के खिलाफ ये दो वैक्सीन हैं कारगर
द न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, वैक्सीन Omicron से संक्रमित होने पर ज्यादा बीमार होने से तो बचा रही है लेकिन इसके संक्रमण को रोक नहीं पा रही है. रिसर्च में केवल Pfizer और Moderna वैक्सीन के बारे में अच्छी खबर मिली है. Pfizer और Moderna वैक्सीन को बूस्टर शॉट से लगाने के बाद Omicron को रोकने में शुरुआती तौर पर सफलता मिलती हुई दिखाई दे रही है.
रिसर्च में हुआ ये खुलासा
शुरुआती जांच में मालूम हुआ है कि AstraZeneca, Johnson & Johnson समेत चीन और रूस में निर्मित वैक्सीन भी Omicron को रोकने में सक्षम नहीं हैं. मुसीबत ये है कि अभी दुनियाभर में बड़ी संख्या में अभी लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है. ऐसे में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ना कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए बड़ा खतरा है. टीकाकरण पूरा ना होने की वजह से और नए वैरिएंट पैदा होने का खतरा भी है.
mRNA टेक्नोलॉजी से बनी वैक्सीन Omicron रोकने में है सफल
गौरतलब है कि Pfizer और Moderna वैक्सीन को बनाने में mRNA टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो सभी प्रकार के संक्रमण और वैरिएंट से सुरक्षा करता है जबकि बाकी वैक्सीन पुरानी तकनीक पर आधारित हैं.
भारत के लिए क्या है चिंता की बात?
ब्रिटेन में हुई रिसर्च में पता चला है कि Oxford-AstraZeneca की वैक्सीन भी कोरोना वायरस के नए वैरिएंट Omicron के खिलाफ कारगर नहीं हैं. स्टडी में Covishield वैक्सीन ने टीकाकरण के 6 महीने बाद Omicron को रोकने की क्षमता नहीं दिखाई. चिंता की बात ये है कि भारत में करीब 90 फीसदी लोगों ने Covishield वैक्सीन की डोज ली है. भारत के अलावा अफ्रीका के 44 देशों में Oxford-AstraZeneca की वैक्सीन बड़े पैमाने पर लोगों को लगाई जा चुकी है.