नई दिल्ली. निर्वाचन आयोग गत 2 महीनों से 5 चुनावी राज्यों का दौरा कर रहा है. मुख्य चुनाव आयोग राजीव कुमार के नेतृत्व में 17 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल तैयारियों की निगरानी के लिए मंगलवार को तेलंगाना के हैदराबाद पहुंचा. 40 सदस्यों वाली मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त हो रहा है, जबकि 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा और तीन अन्य राज्यों का कार्यकाल जनवरी में समाप्त हो रहा है. मध्य प्रदेश (230 सदस्यीय विधानसभा), राजस्थान (200 सदस्यीय विधानसभा) और तेलंगाना (119 सदस्यीय विधानसभा) में भी आने वाले दिनों में असेंबली इलेक्शन होंगे.
तय कार्यक्रम के मुताबिक, इलेक्शन कमीशन इस महीने इन राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है. अगस्त में, चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने मिजोरम और छत्तीसगढ़ का दौरा किया, और सितंबर में मध्य प्रदेश और राजस्थान का दौरा किया. इस हफ्ते वे तेलंगाना जाएंगे. चुनाव आयोग का लक्ष्य सभी पांच राज्यों में मतदान प्रतिशत में सुधार करना और सभी मतदान केंद्रों पर बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करना है. मतदाताओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं, युवाओं और दिव्यांगों को अधिक मतदान केंद्रों का प्रभारी बनाया जाएगा.
प्रत्येक राज्य में कम से कम 50% मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा होगी. लोगों की भागीदारी में सुधार के लिए, आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) उल्लंघनों की रिपोर्ट करने के लिए EC के cVIGIL ऐप का उपयोग किया जाएगा. साथ ही स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए सीमा पार भी कड़ी चौकसी बरती जाएगी. लोगों की मतदान में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग राज्यों में विशेष आउटरीच अभियान भी चला रहा है. आइए एक नजर डालते हैं पांचों राज्यों में चुनाव आयोग की तैयारियों पर…
मिजोरम
मिजोरम में कुल 8.38 लाख मतदाता हैं, जिनमें 4.32 लाख महिलाएं शामिल हैं. राज्य का लिंगानुपात 1,060 है. राज्य में 40,934 मतदाता पहली बार वोट डालेंगे. ईसीआई अधिकारियों के अनुसार, राज्य में 1,276 मतदान केंद्र होंगे, जिनमें 751 ग्रामीण क्षेत्रों में होंगे. 40 विधानसभाओं में प्रति मतदान केंद्र पर औसतन 657 मतदाता हैं. चुनाव आयोग 80 वर्ष से अधिक उम्र के 9,000 से अधिक मतदाताओं और 3,000 से अधिक दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर पर मतदान की सुविधा भी दे रहा है. इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी मतदाता छूट न जाए, चुनाव आयोग की टीमें दुर्गम इलाकों में लंबी दूरी की यात्रा कर रही हैं. राज्य में 22 मतदान केंद्र ऐसे हैं जहां मोटरेबल रोड नहीं है. यानी यहां मतदान टीमों को पैदल ही जाना होगा. साथ ही 19 मतदान केंद्र नदी क्षेत्र में पड़ते हैं और यहां तक केवल नाव द्वारा ही पहुंचा जा सकता है.
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा में भूपेश बघेल की सरकार का कार्यकाल 3 जनवरी को समाप्त हो रहा है. 1.97 करोड़ मतदाताओं वाले राज्य में 24,109 मतदान केंद्र होंगे. प्रति स्टेशन औसतन 815 मतदाता हैं. सिर्फ 4,853 मतदान केंद्र शहरी इलाकों में हैं जबकि बाकी ग्रामीण इलाकों में हैं. राज्य में 4.43 लाख मतदाता ऐसे हैं, जो पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. राज्य में लिंगानुपात 1003 है.
1.47 लाख दिव्यांगजनों, 80 वर्ष से अधिक आयु के 2.02 लाख लाख मतदाताओं और 100 वर्ष से अधिक आयु के 2,948 मतदाताओं के लिए घर पर मतदान की सुविधा प्रदान की जाएगी. यह सुनिश्चित करते हुए कि अंतिम मील में भी मतदान केंद्र हों, चुनाव आयोग 112 ऐसे स्टेशन स्थापित कर रहा है, जहां मोटरेबल रोड नहीं हैं और यहां पैदल ही जाया जा सकेगा. कम से कम 105 चेक पोस्ट स्थापित किए जाएंगे, जिनमें 31 उत्पाद विभाग और 35 वन विभाग के शामिल हैं.
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में शिवराज सिंह चौहान सरकार का कार्यकाल 6 जनवरी को समाप्त हो जाएगा. 5.52 करोड़ मतदाताओं वाले राज्य में 64,523 मतदान केंद्र होंगे. मध्य प्रदेश में लिंग अनुपात 936 है और प्रति मतदान केंद्र पर औसत 843 मतदाता हैं. मध्य प्रदेश में 2.67 करोड़ महिला मतदाता हैं और राज्य भर में कम से कम 5,000 मतदान केंद्रों का प्रबंधन महिलाएं करेंगी. 4.85 लाख दिव्यांगजन मतदाताओं और 80 वर्ष से अधिक आयु के 7.12 लाख मतदाताओं और 100 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 6,180 मतदाताओं के लिए घर पर मतदान की सुविधा प्रदान की जाएगी. राज्य में 18.86 लाख से अधिक मतदाता ऐसे हैं, जो पहली बार वोट डालेंगे. कम से कम 1,150 मतदान केंद्र युवाओं द्वारा संभाले जाएंगे.
राजस्थान
राजस्थान में कांग्रेस सरकार का कार्यकाल 14 जनवरी को समाप्त हो जाएगा। राज्य की कुल 200 सीटों में से 141 सामान्य हैं, जबकि 25 अनुसूचित जनजाति (एसटी) और 34 अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी की हैं. राज्य में 5.25 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 2.51 करोड़ महिलाएं और 604 ट्रांसजेंडर शामिल हैं. राजस्थान में मतदाता लिंग अनुपात 920 है, और लगभग 22 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे. राज्य में 51,756 मतदान केंद्र होंगे और प्रत्येक पर औसतन 1,002 मतदाता होंगे. कुल मतदान केंद्रों में से 41,341 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं.
चुनाव आयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि 200 स्टेशनों का प्रबंधन दिव्यांगजनों द्वारा किया जाए, 1600 स्टेशनों का प्रबंधन युवाओं और महिलाओं द्वारा किया जाए. पिछली बार, कोई भी दिव्यांगजन प्रबंधित मतदान केंद्र नहीं थे और महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केंद्र 250 थे. राज्य में 80 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 12 लाख मतदाताओं, 100 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 18,500 मतदाताओं और 5.61 लाख दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर पर मतदान की सुविधा भी प्रदान की जाएगी. कड़ी निगरानी के लिए 350 से अधिक चेक पोस्ट स्थापित किये जायेंगे, जिनमें 251 पुलिस चेक पोस्ट भी शामिल हैं.
ईसीआई राज्य में मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा. 2018 के चुनावों में, कुल मतदान 74.71% था, जिसमें महिलाओं ने 74.68% मतदान के साथ पुरुषों (73.83%) को पीछे छोड़ दिया था. हालांकि, कम से कम 95 विधानसभाओं और लगभग 25,000 मतदान केंद्रों पर महिला मतदाताओं का प्रतिशत पुरुषों की तुलना में कम था. ईसीआई का लक्ष्य समग्र मतदान को सुधारकर 75% तक पहुंचाना है.
तेलंगाना
चुनाव आयोग फिलहाल तेलंगाना में योजना को अंतिम रूप दे रहा है और चुनाव विवरण पर काम कर रहा है. चुनाव निकाय इस सप्ताह राज्य के लिए विवरण जारी करेगा. पिछले चुनाव में राज्य में 2.61 करोड़ मतदाता और 32,574 मतदान केंद्र थे. इस बार इसके बढ़ने की उम्मीद है. 2018 के विधानसभा चुनावों में, पांच राज्यों में 12 नवंबर से मतदान शुरू हुआ था. छत्तीसगढ़ के अलावा, सभी राज्यों में एक ही चरण में चुनाव संपन्न हुए थे. राजस्थान और तेलंगाना में आखिरी चरण में 7 दिसंबर को मतदान संपन्न हुआ था. पांचों राज्यों में हुए चुनाव की मतगणना की तारीख 11 दिसंबर थी.