राजनांदगांव। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर किसानों के बोनस पर लगे प्रतिबंध को हटाने का अनुरोध किया है, जिसे पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने दिखावे की खोखली कागजी कार्यवाही करार दिया है । उन्होंने आरोप लगाया है कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार पर यह मिथ्या आरोप लगाती है कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के धान की खरीदी नहीं करती,और धान खरीदी की पूरी राशि राज्य शासन वहन करता है, दूसरी ओर राज्य शासन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर बकाया बोनस देने के लिए केंद्र सरकार से 3700 करोड़ रुपए की मांग की है।
पूर्व सांसद मधु ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से यह पूछा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी, जब केंद्र आपके धान की खरीदी नहीं करती, तो वह आपके प्रदेश के धान को खरीदने के लिए 3700 करोड़ क्यों देगी और आपने केंद्र शासन को तत्सम्बंध में पत्र क्यों लिखा है ? यह दोनो बाते परस्पर विरोधाभासी है और कांग्रेस पार्टी के दोहरे चरित्र को उजागर करती है। पूर्व सांसद मधु ने यह भी आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस पार्टी ने अपने 5 साल के कार्यकाल में किसानों को सर्वाधिक लूटा है, उनके विश्वास की हत्या की है, और अब आगामी विधानसभा चुनाव में किसानों के कोपभाजन से बचने के लिए अपनी अपूर्ण घोषणाओं को केंद्र शासन के माथे मढ़कर अपने नैतिक दायित्व से पीछा छुड़ाने का कुत्सित प्रयास रही है, जिसके अनुक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह पत्र प्रधानमंत्री जी को लिखा है। पूर्व सांसद मधुसूदन ने मुख्यमंत्री पर किसानों से दगाबाजी करने का भी आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने अपने पिछले चुनावी घोषणा पत्र में प्रदेश के किसान भाइयों को 2 साल का धान का बकाया बोनस देने का वादा किया था, और सत्ता में आने के बाद लगभग पांच साल तक भूपेश सरकार अपनी इस घोषणा को भूले बैठी रही और इस विषय में कोई कार्रवाई नहीं की। किंतु अब किसी भी समय चुनावी आचार संहिता लागू हो सकती है, तब ऐसे समय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा केंद्र शासन को लिखा गया यह पत्र पूर्णत: औचित्यहीन, अप्रासंगिक एवं अपने पिछले चुनावी वादे को पूरा करने की नैतिक जिम्मेदारी से बचने का जुगाड़ प्रतीत हो रहा है।
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मधु ने आरोप लगाया है कि भले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पीएम मोदी को पत्र लिखकर स्वयं को किसानों का मसीहा साबित करने की निरर्थक कोशिश कर रहे हैं किंतु वास्तविकता में मुख्यमंत्री जी के पत्र से कांग्रेस पार्टी की झूठ की कलई खुल गई है और किसानों के प्रति उनकी अकर्मण्यता, धोखेबाजी एवं वादाखिलाफी उजागर हुई है । पूर्व सांसद ने यह भी आरोप लगाया है कि खुद को किसान हितैषी बताने वाली कांग्रेस सरकार ने 5 सालों में किसानों को विविध प्रकार से छला है , कभी किसानों के रकबे में कटौती करके, तो कभी सोसाइटी में खाद बीज और बारदाने का कृत्रिम संकट उत्पन्न करके, कभी निजी दुकानों में सरकारी खाद बीज महंगे दाम में बेचकर, कभी नरवा, गरवा, घुरवा और बारी के लिए फंड का आभाव बताकर, तो कहीं फसल बीमा का समुचित लाभ किसानों को ना देकर, कहीं किसानों की भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा प्रकरण में भेदभाव एवं राजनीतिक हस्तक्षेप उत्पन्न करके और यहां तक की केंद्र शासन द्वारा धान खरीदी की दी गई एकमुश्त राशि को भी चार किस्तों में रुला रुला कर छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों को दिया जाता रहा है। राजनांदगांव जिला अंतर्गत कांग्रेस के राज में किसानों के नाम पर फर्जी कृषि ऋण निकालकर रसूखदारों को लाभ पहुंचाने और किसानों को प्रताड़ित करने का इल्जाम भी भूपेश सरकार पर लगे है, ऐसे ही एक प्रकरण में डोंगरगढ़ क्षेत्र के मेढ़ा सोसायटी के किसान ने आत्महत्या भी कर ली थी जिसके परिवार को आज तक शासन प्रशासन से न्याय नहीं मिल सका है। पूर्व सांसद मधु ने कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए कहां है की पिछले चुनावी घोषणा पत्र में झूठ का पुलिंदा जनता को थमाकर सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी अब उल्टे विश्व के सर्वाधिक सम्मानित व्यक्तित्व में से एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी झूठा कहने से भी बाज नहीं आ रही है।