सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की ‘प्रथम स्तर की जांच’ के दिल्ली कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दी है. आगामी आम चुनावों से पहले, दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने ईवीएम और वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की प्रथम स्तर की जांच के संबंध में राज्य चुनाव आयोग की कार्रवाई का विरोध किया था. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि प्रक्रिया संपूर्ण है और पक्ष इस पर भरोसा करते हैं. अदालत ने कहा कि यह प्रक्रिया पूरे भारत में अपनाई गई है
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली कांग्रेस ने याचिका दाखिल करके 2024 चुनावों के लिए EVM की अनियमितताओं का आरोप लगाते लगाया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस को राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की इस याचिका में दखल देने से इनकार कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये प्रक्रिया बहुत विस्तृत है.कोर्ट ने कहा कि पार्टियों को ईवीएम पर भरोसा है और इसे पूरे भारत में दोहराया जाता है. कोर्ट ने कहा कि कांग्रेस को चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए था और हम इस मुद्दे पर दखल नहीं देंगे. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर हमने दखल दिया तो चुनावों में देरी होगी. इसके बाद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ले ली.
आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के अध्यक्ष अनिल कुमार ने दिल्ली होईकोर्ट में याचिका दाखिल करके भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को राष्ट्रीय स्तर के सभी 11 जिलों में ईवीएम और वीवीपीएटी की प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) फिर से करने की मांग वाली याचिका दाखिल की थी. जिस पर सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने भी उसे खारिज कर दिया था.