केंद्रीय कर प्राधिकरण ने गंगा जल पर जीएसटी लागू करने के आरोपों को खारिज कर दिया है. विपक्ष ने सरकार पर गंगा जल पर टैक्स लेने का आरोप लगाया था और इसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस चल रही थी. CSEB ने कहा कि 2017 में जीएसटी बैठक में पूजा सामग्री को कर के दायरे से बाहर रखने का निर्णय लिया गया था और गंगा जल पूजा सामग्री के अंतर्गत आता है. बता दें कि पिछले हफ्ते जीएसटी बैठक के बाद इस मामले पर बहस हुई थी.
7 अक्टूबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी, जिसमें मोटे अनाज और गुड़ पर टैक्स रेट कम करने का फैसला किया गया था. इसके साथ ही कई अन्य वस्तुओं और सेवाओं पर कर दरों में बदलाव और स्पष्टता जारी की गई. जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद सरकार पर गंगा जल पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का आरोप लग रहा था.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड यानी सीबीआईसी ने गंगा जल पर टैक्स के आरोपों को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है और इन आरोपों को खारिज कर दिया है. टैक्स अथॉरिटी सीबीआईसी ने कहा कि गंगा जल पर कोई जीएसटी नहीं है. इसे लेकर सीबीआईसी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर किया है.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि देश भर के घरों में पूजा में गंगा जल का उपयोग किया जाता है और पूजा सामग्री को जीएसटी के तहत छूट दी गई है। जीएसटी लागू होने के बाद से इन सभी वस्तुओं को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है.
सीबीआईसी ने कहा कि 18-19 मई 2017 और 3 जून 2017 को हुई जीएसटी बैठक में पूजा सामग्री पर टैक्स लगाने से संबंधित बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई और सभी वस्तुओं को छूट सूची में रखने का निर्णय लिया गया.