राजनांदगांव. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अंतत: राजनांदगांव, खैरागढ़ और मोहला मानपुर जिले के लिए प्रत्याशियों का चुनाव कर लिया है. सबसे महत्वपूर्ण सीट राजनांदगांव विधानसभा के लिए एक बार फिर बाहरी प्रत्याशी पर भरोसा जताया है. हालांकि राजनांदगांव विधानसभा सीट से प्रबल रूप. से चार स्थानीय प्रत्याशी दावेदार रहे बावजूद इसके कांग्रेस ने बाहरी प्रत्याशी पर दांव लगाया है. इस बात से माना जा रहा है कि एक तरीके से स्थानीय संगठन पर यह डंडा चलाया गया है ताकि संगठन स्तर पर हावी गुटबाजी को खत्म किया जा सके और कांग्रेस को यहां पर भाजपा संगठन के मुकाबले खड़ा किया जा सके.
बता दें कि राजनांदगांव विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह चौथी बार चुनाव मैदान में है. प्रदेश की राजनीति के दृष्टिकोण से यह सीट काफी महत्वपूर्ण है और प्रदेश की राजनीति पर बड़ा प्रभाव डालती आ रही है. इस लिहाज से कांग्रेस को राजनांदगांव विधानसभा सीट पर तगड़ी रणनीति तय करना जरूरी था, अपनी रणनीति पर अमल करते हुए कांग्रेस ने इस विधानसभा सीट से अब गिरीश देवांगन को प्रत्याशी बनाया है. इस सीट को जीतने के लिए कांग्रेस नई रणनीति के साथ एक बार फिर चुनाव मैदान में मौजूद रहेगी. इसके पूर्व भी विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने यहां बाहरी प्रत्याशी का प्रयोग किया था. कांग्रेस ने करुणा शुक्ला के रूप में अपना प्रत्याशी उतारा था. जिसने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को तगड़ी टक्कर दी थी और तकरीबन 15000 से अधिक वोट की लीड को डैमेज किया था. जबकि चुनाव लड़ने के लिए बेहद कम समय उन्हें मिल पाया अब ऐसी स्थिति में एक बार फिर कांग्रेस बाहरी प्रत्याशी का प्रयोग कर रही है. अब देखना है कि आने वाले समय में ये प्रयोग कितना सफल हो पाता है. राजनीति से जुड़े लोगों की माने तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस प्रयोग को स्थानीय संगठन की गुटबाजी और निष्क्रियता के चलते किया है.
इन पर लगाया गया दांव
खैरागढ़ से यशोदा वर्मा, डोंगरगढ़ से हर्षिता स्वामी बघेल, डोंगरगांव से दलेश्वर साहू, मोहला मानपुर से इंदल शाह मांडवी, खुज्जी विधानसभा से भोलाराम साहू राजनांदगांव से गिरीश देवांगन पर कांग्रेस ने इस बार विधानसभा सीट जीतने के लिए दांव लगाया है.