75 से अधिक सीटें हासिल करेगी कांग्रेस- सीएम भूपेश बघेल

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा चुनाव में किसानों के मतों को निर्णायक बताया है और कहा है कि उनके समर्थन से कांग्रेस को 75 से अधिक सीटें हासिल करने में मदद मिलेगी। ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में बघेल ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में शराबबंदी लागू करने की कोशिश की, जो पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा किए गए प्रमुख वादों में से एक था, लेकिन वह इसे लागू नहीं कर पाये क्योंकि कई लोगों ने नकली शराब पीना शुरू कर दिया था तथा उनमें से कई की मृत्यु हो गई। छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होंगे। बघेल से जब पूछा गया कि ऐसे कौन से मुद्दे हैं जिनसे कांग्रेस को 75 से अधिक सीटें मिल सकती हैं, तब उन्होंने कहा ‘सबसे बड़ा मुद्दा किसान है और फिर महिलाएं, युवा और व्यवसायी हैं। हमने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों और युवाओं की जेब में पैसा डाला है। जब बाजार में पैसा पहुंचता है, तो व्यापारी भी खुश हो जाते हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा, ”हमने पिछले पांच वर्षों में किसानों और तेंदूपत्ता संग्राहकों (तेंदूपत्तों का उपयोग बीड़ी बनाने के लिए किया जाता है) से किया गया वादा पूरा किया है। इसी तरह, शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में काम किया गया है। इन सभी कार्यों से लोगों के जीवन में विशेष रूप से आर्थिक रूप से बदलाव आया है।” बघेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार में किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और महिला स्वयं सहायता समूहों को रोजगार मिला। उन्होंने कहा, ”राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना और गोधन न्याय योजना सहित राज्य सरकार की कई योजनाओं ने लोगों के जीवन को बदल दिया है।” बघेल ने कहा, ”आदिवासियों के ‘जल, जंगल, जमीन’ के अधिकारों की रक्षा के प्रयास किए गए। कभी नक्सलवाद से जल रहे बस्तर में शांति लौट रही है। ये सभी मुद्दे हमें (चुनाव में) मदद करेंगे।”

उन्होंने कहा, ”हमने किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने का फैसला किया है और प्रधानमंत्री आवास योजना में केंद्र के सहयोग नहीं करने के बाद अपनी आवास योजना शुरू की है। प्रियंका गांधी जी ने राज्य में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की है। हमने अब तक ये तीन प्रमुख घोषणाएं की हैं, लेकिन भाजपा इस पर चुप है कि वह क्या करेगी और वह सिर्फ आरोप लगा रही है।” बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की तीन प्रमुख किसानोन्मुख योजनाओं ने कांग्रेस को पिछले पांच वर्षों में राज्य के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद की है। यह पूछे जाने पर कि क्या शराबबंदी के वादे को पूरा करने में कांग्रेस की विफलता से उसके महिला वोट बैंक पर असर पड़ेगा, बघेल ने कहा, ”हमने शराबबंदी लागू करने की कोशिश की और कोविड-19 महामारी के दौरान यह किया जा सकता था, लेकिन तब जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो गई। हम लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि नशा एक सामाजिक बुराई है और इसे हमें मिलकर खत्म करना होगा। भाजपा ने अपने 15 साल के शासनकाल में कुछ नहीं किया। उसने इसे लागू क्यों नहीं किया। मैं मोदी जी से पूरे देश में शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग करूंगा।” संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लंबित वादे पर उन्होंने कहा, ”हमने संविदा कर्मियों के मानदेय में काफी वृद्धि की है। 27 फीसदी से 40 फीसदी तक की वृद्धि हम लोगों ने की है। इससे लोगों को लाभ हुआ है। वे काफी हद तक संतुष्ट भी हैं।” चुनाव के लिए टिकट से इनकार किए जाने के बाद कुछ मौजूदा कांग्रेस विधायकों में असंतोष के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ”करीब 83 टिकट हम लोग बांट चुके हैं। लेकिन दो चार जगह नाराजगी तो रहती है। जिसका टिकट कटेगा उसकी नाराजगी तो स्वाभाविक है। वे हमारे परिवार के सदस्य हैं। उन लोगों से बात करेंगे। लगातार बातचीत हो भी रही है। बहुत सारे लोग हैं जो मान भी गए हैं। और लोग भी नाराज हैं, उनसे भी बात की जायगी।”

उन्होंने चुनाव के लिए टिकट वितरण पर भी भाजपा पर कटाक्ष किया और कहा, ”यहां भाजपा चुनाव नहीं लड़ रही है। रमन सिंह लड़ रहे हैं। और रमन सिंह के पीछे अमन सिंह (रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे) हैं। अमन सिंह अडानी के आदमी हैं। इसलिए रमन ही सब कुछ हैं यहां, भाजपा कुछ नहीं है।” यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी फिर से सरकार बनाती है तब राज्य में अडानी पर प्रतिबंध लगाएगी, उन्होंने कहा, ”प्रतिबंध लगाने की बात नहीं है, एनएमडीसी खुद लौह अयस्क उत्पादक है, तो दूसरे को एमडीओ क्यों दे।” बघेल ने कहा, ”जब सार्वजनिक उपक्रम में हमारे इस्पात संयंत्र चल रहे हैं तो सरकार द्वारा बनाया गया इस्पात संयंत्र निजी हाथों में क्यों जाएगा। एसईसीएल सबसे बड़ा कोयला उत्पादक है, पर अपनी खदान को अडानी को दे, तो ये गलत है। जो गलत है उसका विरोध हो रहा है। अडानी से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है। लेकिन सारी चीज अडानी को जाए, यह गलत बात है।”

राज्य में उनकी सरकार द्वारा लागू की गई पुरानी पेंशन योजना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ”हम लोगों ने अध्ययन किया है कि 2060 तक राज्य सरकार पर कोई भार नहीं पड़ेगा। लेकिन केंद्र सरकार को हमारे 17000 करोड़ रुपए लौटाने होंगे।” उन्होंने कहा, ”यदि भाजपा गलती से उन राज्यों (जहां ओपीएस बहाल हो गई है) में चुनी जाती है, तो वह तुरंत ओपीएस की जगह एनपीएस लागू कर देगी।”

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