लखनऊ. राजधानी लखनऊ में ठगी का बड़ा मामला सामने आया है. एस-ग्रुप नाम से कंपनी खोलकर छात्रों को MBBS में एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बता दें कि पुलिस ने कुछ दिन पहले ही इसके भाई को भी गिरफ्तार किया था.
मूल रूप से बिहार के रहने वाले इस ठग के खिलाफ विभूतिखंड थाने में दो मामले दर्ज हैं. अब पुलिस टीम इनके अन्य साथियों की भी तलाश में जुट गई है. एडीसीपी पूर्वी सैय्यद अली अब्बास की टीम ने पटना के शाहजहॉपुर निवासी शशि कुमार सिंह को बुधवार को गोमतीनगर स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया है. पूछताछ में शशि कुमार ने बताया कि एस-ग्रुप नामक कंपनी खोलकर वह अपने भाई अशोक के साथ मिलकर पहले उन छात्रों का पता लगाते थे जिन्होंने नीट परीक्षा पास कर ली होती थी.
फिर उनके परिजनों से टेलीकालरों के माध्यम से संपर्क कर प्रमुख कॉलेजों में MBBS में एडमिशन दिलाने के नाम बात करते थे. जिसके बाद उनसे चेक और आरटीजीएस से अपने बनाए गए सरस्वती अम्मल चैरिटेबल ट्रस्ट, सनाका एजुकेशनल और एस ग्रुप में पैसे ट्रांसफर करा लेते थे. जब तक लोग कुछ समझते अपना ऑफिस बंद कर दूसरी जगह शिफ्ट हो जाते थे. शशि सिंह के साथ ही उसके भाई कंपनी के मैनेजर अशोक कुमार उर्फ ऋषि सिंह को कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया गया था.
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अशोक ने अपना नाम बदलकर ऋषि रख लिया था. इसी नाम से उसने अपने फर्जी दस्तावेज भी बनवाए थे. आरोपी नीट में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को सनाका मेडिकल कॉलेज पश्चिम बंगाल, सरस्वती मेडिकल कॉलेज और संतोष मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने का दावा करते थे. दोनों ने मिलकर 16 लोगों से 3 करोड़ रुपए की ठगी की है.