बाड़मेर. भारतीय वायुसेना में फाइटर विमान MiG-21 को अंतिम विदाई दे दी गई है. अब यह भारतीय आसमान में फिर कभी दिखाई नहीं देगा. भारत-पाकिस्तान की सरहद पर आसमां के शूरवीर को अंतिम विदाई दी गई. युद्ध के मैदान में आसमान से दुश्मनों पर कहर बनकर बरसने वाले मिग 21 ने सरहदी बाड़मेर के अंतिम भारतीय वायुसेना स्टेशन उत्तरलाई से 30 अक्टूबर को आसमां में आखिरी उड़ान भरी थी.
भारतीय वायुसेना की रीढ़ कहे जाने वाले मिग-21 की अंतिम उड़ान के साथ उतरलाई एयरफोर्स से विदाई हो गई है. साल 1966 से मिग-21 का संचालन किया जा रहा था. मिग 21 साल 1971 की जंग में ऐसा नाम बन गया था, जिसने पाकिस्तान को घुटनों के बल ला दिया था.
लड़ाकू विमान मिग 21 को 60 साल तक भारत वायुसेना की रीढ़ माना जाता रहा. लेकिन पिछले कुछ सालों से इसके क्रैश होने की वजह से इसकी सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे थे. ऐसे में अब इसे 30 अक्टूबर से विदाई दे दी गई है. बाड़मेर में पिछले 9 सालों की बात करे तो यहां 8 मिग क्रैश होने के हादसे हुए है. बाड़मेर में अंतिम बार 28 जुलाई 2022 को भीमड़ा गांव में मिग 21 क्रैश हुआ जिसमें 2 पायलट शहीद हो गए.
मिग 21 बाइसन के इस आखिरी और यादगार सफर के लिए भारतीय वायुसेना ने राजस्थान के उत्तरलाई एयरबेस को इसलिए भी चुना था. क्योंकि सन 1965 और 1971 उत्तरलाई एयर बेस से मिग 21 ने उड़ान भरकर पाकिस्तान के ना केवल सैनिकों पर बल्कि उनके टैंकों पर कहर बनकर टूट पड़ा था.
10 सालों में हुए मिग-21 से यह हादसे
12 फरवरी 2013 को उत्तरलाई से महज 7 किमी. दूर स्थित अनाणियों की ढाणी कुड़ला के पास मिग-21 क्रैश हो गया. इस हादसे में पायलट सुरक्षित बच गया. 7 जून 2013 को उत्तरलाई से 40 किमी. दूर स्थित सोडियार गांव में मिग-21 क्रैश हुआ जिसमें पायलट सुरक्षित बच गया. 15 जुलाई 2013 को उत्तरलाई से 4 किमी. दूर बांदरा में मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित बच गया. इसके बाद 27 जनवरी 2015 को बाड़मेर के शिवकर रोड पर मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित, 10 सितंबर 2016 को मालियों की ढाणी बाड़मेर में मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित बच गया.
15 मार्च 2017 को शिवकर के पास सुखोई-30 क्रैश, पायलट सुरक्षित, 25 अगस्त 2021 को मातासर भुरटिया में मिग-21 बाइसन क्रैश, पायलट सुरक्षित बच गया. 28 जुलाई 2022 को भीमड़ा गांव में मिग-21 बाइसन क्रैश हो गया. इस हादसे ने हर किसी को झंकझोर कर रख दिया. इस विमान हादसे में दो पायलट शहीद हो गए थे.