नई दिल्ली. ‘स्नूपगेट’ आरोपों में एक ताजा घटनाक्रम में, संसद की आईटी-पैनल के प्रमुख प्रताप राव जाधव ने बताया कि हम अभी विचार कर रहे हैं कि इस मामले में एप्पल को बुलाया जाए या नहीं. कुछ विपक्षी नेताओं ने अपने आरोप में कहा था कि उनकी जासूसी हो रही है. समिति सचिवालय के एक अधिकारी का कहना है कि ‘सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पर संसदीय स्थायी समिति भारत में कई सार्वजनिक हस्तियों पर हाल के ‘राज्य-प्रायोजित हमलों’ को संबोधित करने के लिए आगामी बैठक के दौरान ऐप्पल प्रतिनिधियों को बुलाने पर विचार कर रही है.
समिति के सचिवालय ने ‘गहरी चिंता’ व्यक्त की है और कहा है कि वह इस मामले को ‘अत्यंत गंभीरता’ के साथ ले रहा है.’ कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा किए गए जासूसी के दावों पर “चिंता” व्यक्त करते हुए, केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक जांच का आदेश दिया था और तकनीकी दिग्गज ऐप्पल को “कथित राज्य-प्रायोजित हमलों” पर वास्तविक, सटीक जानकारी के साथ जांच में शामिल होने के लिए कहा था.
कई सांसदों ने लगाया था आरोप, एप्पल ने दी थी सफाई
कांग्रेस के लोकसभा सांसद और आईटी समिति के सदस्य कार्ति चिदंबरम ने कई सांसदों के आरोपों के बाद आईटी समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखकर एप्पल को पैनल के सामने बुलाने का अनुरोध किया है. अपने पत्र में उन्होंने प्रभावित सांसदों को गवाह के तौर पर गवाही देने की इजाजत देने की भी मांग की है. इस बीच, एप्पल ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि वह खतरे की सूचनाओं का श्रेय किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित हमलावर को नहीं देता है. ऐसा तब हुआ जब कई विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि उन्हें Apple से संदेश प्राप्त हुए हैं जिसमें उन्हें चेतावनी दी गई है कि “राज्य प्रायोजित हमलावर उनके iPhones को दूर से नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं”.