किसानों की फसलों की उपज बढ़ाने के लिए कीटनाशक छिड़काव और रखरखाव के लिए ड्रोन सेवाएं जल्द ही मिलने वाली हैं. जल्द ही 400 ड्रोन में कुछ ड्रोन की पहली खेप मिलने वाली है. इन ड्रोन का इस्तेमाल कृषि गतिविधियों में किया जाएगा. ड्रोन फसलों के रखरखाव और छिड़काव लागत और समय को घटा देंगे, जो किसानों के लिए बड़ी राहत देने वाला होगा. जबकि, फसल उत्पादन में बढ़ोत्तरी भी होगी. उर्वरक प्रमुख इफको ने ड्रोन निर्माता कंपनी पारस एयरोस्पेस को 42.2 करोड़ रुपए की लागत के 400 एग्रीकल्चर ड्रोन की आपूर्ति करने का ऑर्डर दिया है. उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर के मध्य तक ड्रोन डिलीवरी की शुरुआत हो जाएगी.
इफको को मिलने हैं 42 करोड़ में 400 ड्रोन
इफको ने ड्रोन निर्माता कंपनी पारस एयरोस्पेस को 42.2 करोड़ रुपए की लागत के 400 एग्रीकल्चर ड्रोन की आपूर्ति करने का ऑर्डर दिया है. उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर के मध्य तक ड्रोन डिलीवरी की शुरुआत हो जाएगी. ड्रोन निर्माता पारस एयरोस्पेस ने अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत में छिड़काव और बीजारोपण के साथ ही अन्य कार्यों के लिए ड्रोन सेवाओं की पेशकश की है.
ड्रोन के इस्तेमाल से खर्च आधा हो जाएगा
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, पारस एयरोस्पेस के सीईओ और सह-संस्थापक पंकज अकुला ने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि वह महाराष्ट्र में किसानों को ड्रोन बेस्ड सर्विसेज की पेशकश शुरू करेगी. इसके बाद गुजरात, आंध्र और तेलंगाना जैसे अन्य राज्यों में विस्तार करेगी. कंपनी को कृषि रसायनों और उर्वरकों के छिड़काव और फसलों की बुआई जैसी ड्रोन बेस्ड सर्विसेज देने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि ड्रोन से फसल पर छिड़काव लागत मैन्युअल के मुकाबले आधी कीमत में हो जाएगी.
स्वदेशी तकनीक से बना है एग्रीकल्चर ड्रोन
पारस एयरोस्पेस के सीईओ पंकज अकुला ने कहा कि पारस एयरोस्पेस ने पहले ही ड्रोन का निर्माण शुरू कर दिया है और दिसंबर के मध्य से इफको को डिलीवरी शुरू कर देगा. पारस उड़ान नियंत्रण प्रणाली जैसी स्वदेशी तकनीक को विकसित करके ड्रोन कंपोनेंट पर अपनी आयात निर्भरता को कम करने पर भी विचार कर रहा है. वर्तमान में कंपनी ताइवान से ड्रोन के कई कंपोनेंट का आयात करती है.