नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाए जाने के फैसले को सही ठहराया है। कोर्ट ने कहा है कि बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के फैसले से पंजाब पुलिस की शक्तियों पर अतिक्रमण नहीं हुआ है। पंजाब पुलिस से जांच का अधिकार नहीं छीना गया है। कोर्ट ने केंद्र और पंजाब सरकार को साथ बैठकर विचार-विमर्श करने की भी सलाह दी है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पंजाब सरकार के 2021 के वाद पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा कि दोनों पक्ष आपस में विचार-विमर्श करेंगे ताकि अगली तारीख से पहले इन्हें निपटाया जा सके। पंजाब के महाधिवक्ता इस बैठक में भाग ले सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने रिकॉर्ड का अध्ययन करने के बाद प्रथम दृष्टया कहा कि ऐसे समवर्ती अधिकार हैं जिनका इस्तेमाल बीएसएफ और राज्य पलिस दोनों कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस से जांच का अधिकार नहीं लिया गया है।
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के वकीलों और केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल को मुद्दे तैयार करने को कहा है। चंद्रचूड़ ने कहा कि दोनों पक्ष आपस में बैठकर मुद्दे ड्राफ्ट कर लें ।
वहीं, पंजाब सरकार के लिए शादान फरासत ने कहा गुजरात और राजस्थान ये अलग हैं। गुजरात में दो शहरी केंद्र हैं और राजस्थान में रेगिस्तान है। पंजाब के लिए यह अलग है। इस शक्ति का प्रयोग अनुचित है। 50 किमी तक उनके पास सभी संज्ञेय अपराधों के लिए शक्ति है न कि केवल पासपोर्ट एक्ट आदि के लिए। सार्वजनिक व्यवस्था और पुलिस के तहत हमारी शक्ति लेता है। यह एक संघीय मुद्दा है। पंजाब एक छोटा राज्य है।
केंद्र की ओर से पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस याचिका का विरोध किया।उन्होंने कहा कि सभी सीमावर्ती राज्यों में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र है। 1969 के बाद से गुजरात में 80 किलोमीटर था। अब यह एक समान 50 किलोमीटर है। कुछ अपराध पासपोर्ट आदि पर बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र होगा, स्थानीय पुलिस का भी क्षेत्राधिकार होगा। पुलिस के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं दिया गया है। मेघालय, मिजोरम और मणिपुर भी छोटे राज्य हैं।
2021 में सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। केंद्र ने अधिसूचना जारी कर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया है। इससे पहले, पंजाब विधानसभा में 12 नवंबर 2021 को एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था, जिसमें केंद्र सरकार से 11 अक्टूबर 2021 का अपना आदेश वापस लेने की मांग की गई है। अब पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पंजाब की आप सरकार तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा दायर याचिका पर आगे बढ़ रही है।